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इस प्रकार पृथ्वी पर पाप बढ़ा


आपने पिछले पोस्ट में पढ़ा होगा किस प्रकार आदम और हवा ने ईश्वर की आज्ञा ना मानने के कारन उन्होंने पाप किया । और परमेश्वर ने उन्हें आर्शीवाद देकर वाटिका से निकाल दिया।

अदम और हवा को परमेश्वर ने सन्तान दिए । उनके सन्तान धरती पर बढ़ने लगे। उनके पहले दो सन्तान का नाम कैन और हाबिल हुआ। कैन खेती करने वाला किसान बना जबकि हाबिल भेड़-बकरियों का चरवाहा। कुछ दिनों के पशचात् कैन ईश्वर के पास  कुछ भेट़ ले आया । और उसी प्रकार से हाबिल ने भी भेट़ चढ़ाया , उससे परमेश्वर प्रसन्न हुआ। परन्तु कैन और उसकी भेट़ को ग्रहण न किया। क्योंकि उसकी भेट़ ईश्वर के समूख ग्रहण योग नहीं थी। इस पर कैन बहुत क्रोधित हुआ। क्रोध में आ कर एक दिन कैन ने हाबिल को मार डाला; जो की संसार का पहला हत्या है। और इस प्रकार पृथ्वी पर पाप बढ़ता ही गया।

अधिक जानने के लिए इन आयतों को पढ़े...

उत्पत्ति 4:1-16
1 जब आदम अपनी पत्नी हव्वा के पास गया तब उसने गर्भवती हो कर कैन को जन्म दिया और कहा, मैं ने यहोवा की सहायता से एक पुरूष पाया है। 2 फिर वह उसके भाई हाबिल को भी जन्मी, और हाबिल तो भेड़-बकरियों का चरवाहा बन गया, परन्तु कैन भूमि की खेती करने वाला किसान बना। 3 कुछ दिनों के पश्चात कैन यहोवा के पास भूमि की उपज में से कुछ भेंट ले आया। 4 और हाबिल भी अपनी भेड़-बकरियों के कई एक पहिलौठे बच्चे भेंट चढ़ाने ले आया और उनकी चर्बी भेंट चढ़ाई; तब यहोवा ने हाबिल और उसकी भेंट को तो ग्रहण किया, 5 परन्तु कैन और उसकी भेंट को उसने ग्रहण न किया। तब कैन अति क्रोधित हुआ, और उसके मुंह पर उदासी छा गई। 6 तब यहोवा ने कैन से कहा, तू क्यों क्रोधित हुआ? और तेरे मुंह पर उदासी क्यों छा गई है? 7 यदि तू भला करे, तो क्या तेरी भेंट ग्रहण न की जाएगी? और यदि तू भला न करे, तो पाप द्वार पर छिपा रहता है, और उसकी लालसा तेरी और होगी, और तू उस पर प्रभुता करेगा। 8 तब कैन ने अपने भाई हाबिल से कुछ कहा: और जब वे मैदान में थे, तब कैन ने अपने भाई हाबिल पर चढ़ कर उसे घात किया। 9 तब यहोवा ने कैन से पूछा, तेरा भाई हाबिल कहां है? उसने कहा मालूम नहीं: क्या मैं अपने भाई का रखवाला हूं? 10 उसने कहा, तू ने क्या किया है? तेरे भाई का लोहू भूमि में से मेरी ओर चिल्ला कर मेरी दोहाई दे रहा है! 11 इसलिये अब भूमि जिसने तेरे भाई का लोहू तेरे हाथ से पीने के लिये अपना मुंह खोला है, उसकी ओर से तू शापित है।
12 चाहे तू भूमि पर खेती करे, तौभी उसकी पूरी उपज फिर तुझे न मिलेगी, और तू पृथ्वी पर बहेतू और भगोड़ा होगा। 13 तब कैन ने यहोवा से कहा, मेरा दण्ड सहने से बाहर है। 14 देख, तू ने आज के दिन मुझे भूमि पर से निकाला है और मैं तेरी दृष्टि की आड़ मे रहूंगा और पृथ्वी पर बहेतू और भगोड़ा रहूंगा; और जो कोई मुझे पाएगा, मुझे घात करेगा। 15 इस कारण यहोवा ने उससे कहा, जो कोई कैन को घात करेगा उससे सात गुणा पलटा लिया जाएगा। और यहोवा ने कैन के लिये एक चिन्ह ठहराया ऐसा ने हो कि कोई उसे पाकर मार डाले॥ 16 तब कैन यहोवा के सम्मुख से निकल गया, और नोद नाम देश में, जो अदन के पूर्व की ओर है, रहने लगा।


परमेश्वर आपको आशीष दे।

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