आज विश्व भर में कोरोनावायरस का भय छाया हुआ है। संसार में बड़े-बडे़ डाक्टर हैं, बुद्धिमान विज्ञानीक हैं, फिर भी एक भय का माहोल चारों ओर छाया हुआ है। लोग अनिश्चित है कि अब आगे क्या होगा , क्या हम इस वायरस से बच पाएंगे ? ऐसे सवाल आज हर मनुष्य के मन में चल रहा है ।
जब इंसान समाज में एक सामान्य जीवन जी रहा होता है , तो कहीं ना कहीं सोचता है अपने अंहकार में कोई भी समस्या आये हम उसकी समाधान ढूंड लेंगे। लेकिन कोई ऐसी विपत्ति आती है जैसे यह - कोरोनावायरस आया , तब कभी- कभी मनुष्य के पास पूरा इलाज होता नहीं है। और यही वह समय होता है जब इंसान सृष्टिकर्ता, परमेश्वर या भगवान के बारे सोचने लगता है।
आज विश्व में बहुत सारी भगवान हैं , बहुत सारी धर्म है , और बहुत सारी धार्मिक स्थल भी है। फिर भी ऐसी " महामारी" क्यों आती है? क्यों बहुत से लोग इन महामारीयों का शिकार होकर मर जाते हैं । कहीं ऐसा तो नहीं की हमारी संसार में बहुत से भगवान हैं बहुत से धर्म है , फिर भी हमने सच्चे और जीवीत परमेश्वर को नहीं जाना ।
बाइबल बताती है, जो सच्चा परमेश्वर होता है वह समय-समय पर ऐसी विपत्तियां आने देती है । एक दंड के रुप में भी और एक चेतावनी के रुप में भी । ताकि मनुष्य जो अपने पाप में गीरा है - जागे , दिखाई दे की उसके जीवन में पाप है और वह सच्चे परमेश्वर को ढूंढने लगे। यह बात अलग है की आज मनुष्य अपनी वुधी से बहुत सारा भगवान और धर्म खड़े कर लिए हैं। फिर भी सच्चे परमेश्वर से दूर हैं, जीसने उनको बनाया है।
आज हम सभी को बल्कि पुरी दुनिया को यीशु मसीह की जरूरत है ,जो की एक सच्चा और जीवीत परमेश्वर और हम सब का सृष्टिकर्ता भी है ।
बाइबल बताती है - यूहन्ना 3:16 में " क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।"
2000 साल पहले ही यीशु मसीह ने सलीब पर चढ़कर अपने बलिदान के द्वारा पुरी दुनिया के पापों को उठा ले गया है।
और उसके सलीब पर लहु बहाने के द्वारा इंसान पापों से मुक्त हो गया।
लेकिन आज भी मनुष्य के अन्दर बहुत सा पाप है , बहुत सा पाप तो वह जान कर करता है फिर वह भोग विलास में भी जीता है। वह तो धन के लोभ में जी रहा है। परमेश्वर जो “क्षमा करने को तत्पर” रहता है।
परमेश्वर पाप से घृणा ज़रूर करता है, मगर पापी से नहीं। अगर पाप करनेवाला सच्चा पश्चाताप करता है और बुरे मार्ग से फिर जाता है, तो परमेश्वर उसे माफ करता है। पूरे यकीन के साथ कि परमेश्वर पश्चाताप करनेवालों पर दिल से दया करता है। वह आपसे प्यार करता है। वह नहीं चाहता कि कोई भी नास हो।
इस मुश्किल में केवल यीशु आपको बच्चा सकता है । आप उसे पुकारे , प्रार्थना के द्वारा उससे बातें करें जैसे भी आपको आए , वह यही तो चाहता है आपसे।
भजन 51:17 कहता है: “ टूटा मन परमेश्वर के योग्य बलिदान है; हे परमेश्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता।” यहोवा ऐसे मन को कभी नहीं ठुकराएगा, न निराश करेगा जो दोष के बोझ तले ‘टूटा और पिसा हुआ’ है।
परमेश्वर आपको आशीष दे। वह आपको और आपके पूरे परिवार को इस महामारी से बचाए।
भजन 51:17 कहता है: “ टूटा मन परमेश्वर के योग्य बलिदान है; हे परमेश्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता।” यहोवा ऐसे मन को कभी नहीं ठुकराएगा, न निराश करेगा जो दोष के बोझ तले ‘टूटा और पिसा हुआ’ है।
परमेश्वर आपको आशीष दे। वह आपको और आपके पूरे परिवार को इस महामारी से बचाए।
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