न्याय का दिन
न्याय का दिन |
क्या हम और आप ईश्वर के सम्मुख खड़े होने के योग्य है ? जब वह महिमा में आएगा! आईए हम अपने आप को मत्ती 25 :31- 46 के अनुसार इन बिंदुओं के आधार पर जांचे
• क्या हमने किसी भूखे को खाना खिलाया ?
• क्या हमने किसी प्यासे को पानी पिलाया ?
• क्या हमने किसी परदेशी को परदेशी जान कर अपने घर में ठहराया ?
• क्या हमने किसी नंगे को वस्त्र पहिनाया ?
• जो बिमार और बन्दिगृह में हैं क्या हम उनसे मिलने गए ?
• क्या हमने किसी प्यासे को पानी पिलाया ?
• क्या हमने किसी परदेशी को परदेशी जान कर अपने घर में ठहराया ?
• क्या हमने किसी नंगे को वस्त्र पहिनाया ?
• जो बिमार और बन्दिगृह में हैं क्या हम उनसे मिलने गए ?
उम्मीद है आपने स्वम को इन बिंदुओं के आधार पर जांच लिया होगा ? तो क्या अब हम ईश्वर के सम्मुख खड़े होने के योग्य है ? हां या ना
यदि हां ☑️
आपका उत्तर ईश्वर की ओर से (मत्ती 31:40) " मैं तुम से सच कहता हूं कि तुमने जो मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों में से किसी एक के साथ किया, वह मेरे ही साथ किया।' अब आप ईश्वर के सम्मुख खड़े होने के योग्य ठहरे!
आपका उत्तर ईश्वर की ओर से (मत्ती 31:40) " मैं तुम से सच कहता हूं कि तुमने जो मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों में से किसी एक के साथ किया, वह मेरे ही साथ किया।' अब आप ईश्वर के सम्मुख खड़े होने के योग्य ठहरे!
यदि नहीं❎
आपका उत्तर मत्ती ( 25:12) " मैं तुम से सच कहता हूं, मैं तुम्हें नहीं जानता।"
आपका उत्तर मत्ती ( 25:12) " मैं तुम से सच कहता हूं, मैं तुम्हें नहीं जानता।"
सो मेरे प्रियों, समय बिता जा रहा है , अपनी आत्मा को तैयार करें। एक दुसरे से प्रेम करें , भलाई करें और परमेश्वर के प्रेम में बढ़ते जाऐं।
परमेश्वर आपको आशीष दे।
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