"मुझे प्यार हो गया है !" प्यार से बढ़कर और कोई सामर्थ नहीं है ।
प्यार से बढ़कर और कोई सामर्थ नहीं है !
लेकिन अगर प्यार में इतना सामर्थ है, तो दुनिया में इतनी नफ़रत क्यों है ?
असली प्यार भावनाओं से भरे, भावुक अहसास से आगे की चीज़ होता है। प्यार एक फैसला , एक चुनाव है। हमारे लिए क्या बेहतर है यह सोचने की बजाय, क्या हम ऐसे काम करना चाहते हैं जो दूसरे लोगों के लिए बेहतर हो ?
यीशु ने कहा, ' सब से बड़ा प्रेम जिसे कोई व्यक्ति कर सकता है , वह है अपने मित्रों के लिए प्राण न्यौछावर कर देना।'
उसने यह कहा; फिर उसने यह किया। क्योंकि हम जब अभी निर्बल ही थे तो उचित समय पर हम भक्तिहीनों के लिए मसीह ने अपना बलिदान दिया। अब देखों , किसी धर्मी मनुष्य के लिए भी कोई नहीं मरता है। किसी अच्छे आदमी के लिए अपने प्राण त्यागने का साहस तो कोई कर भी सकता है। पर परमेश्वर ने हम पर अपना प्रेम दिखाया जब कि हम तो पापी ही थे; किन्तु यीशु ने हमारे लिए प्राण त्यागे।
परमेश्वर आपको आशीष दे।
अधिक देखें >> परमेश्वर का प्रेम
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें