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कदाचित् रात को रोना पड़े, परन्तु सबेरे आनन्द पहुंचेगा -भजन । Psalm 30:5

कदाचित् रात को रोना पड़े, परन्तु सबेरे आनन्द पहुंचेगा 
कदाचित् रात को रोना पड़े, परन्तु सबेरे आनन्द पहुंचेगा -भजन|Psalm 30:5
 

भजन संहिता 30:5

क्योंकि उसका क्रोध, तो क्षण भर का होता है, परन्तु उसकी प्रसन्नता जीवन भर की होती है। कदाचित् रात को रोना पड़े, परन्तु सबेरे आनन्द पहुंचेगा।

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