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बाइबल के 7 वचन जो आपको चिंता के समय पढ़नी चाहिए

बाइबल के 7 वचन जो आपको चिंता के समय पढ़नी चाहिए 
बाइबल के 7 वचन जो आपको चिंता के समय पढ़नी चाहिए
चिंता

हमारा जीवन आसानी से चिंता और अज्ञात डर से अभिभूत हो सकता है , लेकिन बाइबल बताती है परमेश्वर ने हमें सामर्थ्य की आत्मा दिया है, न कि डर और चिंता का। निचे दिए गए सात आयतों से आप हर स्थिति में प्रभु के मदद के लिए निश्चिंत रहेंगे। चिंता का अंत प्रभु में विश्वास से ही है।


नीतिवचन 12:25
"  उदास मन दब जाता है, परन्तु भली बात से वह आनन्दित होता है। "


मत्ती 6:25
" इसलिये मैं तुम से कहता हूं, कि अपने प्राण के लिये यह चिन्ता न करना कि हम क्या खाएंगे? और क्या पीएंगे? और न अपने शरीर के लिये कि क्या पहिनेंगे? क्या प्राण भोजन से, और शरीर वस्त्र से बढ़कर नहीं? "


2 तीमुथियुस 1:7
" क्योंकि परमेश्वर ने हमें भय की नहीं पर सामर्थ, और प्रेम, और संयम की आत्मा दी है। "


यशायाह 26:3-4
3 जिसका मन तुझ में धीरज धरे हुए हैं, उसकी तू पूर्ण शान्ति के साथ रक्षा करता है, क्योंकि वह तुझ पर भरोसा रखता है। 4 यहोवा पर सदा भरोसा रख, क्योंकि प्रभु यहोवा सनातन चट्टान है।


मत्ती 6:33-34
33 इसलिये पहिले तुम उसे राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी। 34 सो कल के लिये चिन्ता न करो, क्योंकि कल का दिन अपनी चिन्ता आप कर लेगा; आज के लिये आज ही का दुख बहुत है॥ 



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