जागते रहो और प्रार्थना करते रहो - ( मत्ती अध्याय 24:36-44 ) परमेश्वर का वचन इन हिंदी Matthew Chapter 24
बाइबल दर्शाती है यह उस समय कि बात है, जब प्रभु यीशु के चेलें प्रभु के दूसरे आगमन के विषय में प्रभु से पुछ रहें थे। तब प्रभु यीशु ने उन्हें उन दिनों के विषय में विशेष बातें सिखाई और उन्हें सचेत रहने को और आत्मा में सदा जागते रहने के विषय सिखाया।
तब प्रभु ने उन्हें वहां बताया " उस दिन और उस घड़ी के विषय में कोई नहीं जानता, न स्वर्ग के दूत, और न पुत्र, परन्तु केवल पिता।" [मत्ती 24:36] यहां प्रभु उन्हें बता रहे थे, कि प्रभु के उस दूसरे आगमन के विषय में कोई भी सही से नहीं जानता, न स्वर्ग और न पुत्र, परन्तु केवल पिता परमेश्वर ही जानता है कि प्रभु का पृथ्वी पर दूसरा आना कब होगा? और प्रभु ने उनसे यह कहा था कि जैसे; नूह के दिन थे वैसा ही मनुष्य के पुत्र का आना होगा। क्योंकि जैसे जल-प्रलय से पहिले के दिनों में, जिस दिन तक कि नूह जहाज पर न चढ़ा, उस दिन तक लोग खाते-पीते थे, और उन में ब्याह शादी होती थी। [मत्ती 24:38] और जब तक जल-प्रलय आकर उन सब को बहा न ले गया, तब तक उन को कुछ भी मालूम न पड़ा; वैसे ही मनुष्य के पुत्र का आना भी होगा। [मत्ती 24:39]
यहां प्रभु ने नूह का उदाहरण देते हुए अपने चेलों को समझाया कि जिस प्रकार नूह का समय था कि जल प्रलय आयी और सब मनुष्यों को बहा ले गई। जो उस नूह के जहांज में नहीं चढ़े थें, क्योंकि उन्हें जल प्रलय के आने कि चेतावनी का कोई भी असर न हुआ। वे उसी प्रकार खाते-पीते रहें और अपने ही जीवन के मनोरंजन में लगे रहें। उन्हें उस जल प्रलय के आने का कुछ भी आभास न था, क्योंकि उन्होंने पहले कभी उस दिन से जल प्रलय को बरसते हुए न देखा था।
प्रभु यहां हमें सिखाते हैं कि ऐसा ही होगा प्रभु के आगमन का दिन भी कि किसी को कोई आभास भी न होगा और प्रभु आ जाएंगे। प्रभु ने आगे कहा भी उस समय प्रभु का आना होगा, तब ऐसा होगा कि दो जन खेत में होंगे और एक ले लिया जाएगा और दूसरा छोड़ दिया जाएगा। अर्थात उन में से एक जन प्रभु को जानने वाला धर्मी उठा लिया जाएगा "रैपचर" में और दूसरा रह जाएगा और दो स्त्रियां चंकी पिसती होगीं एक ले ली जाएगी और दूसरी छोड़ दि जाएगी। ऐसा होगा उस घड़ी प्रभु का आने का वह दिन अचानक जब वे हम पर आ पडे़गा।
इस पर प्रभु अपने चेलों से यह भी कहते हैं ; कि जागते रहो क्योंकि तुम नहीं जानते कि तुम्हारा प्रभु किस दिन आएगा। यहां प्रभु आज हमसे अर्थात उस कि निज प्रजा और कलिसिया से कहते हैं कि तुम सदा आत्मा में जागते रहो, क्योंकि परमेश्वर आना अब निकट है। मेरे प्रिय भाई-बहनों यह मत सोचों कि उसके आने में अभी समय है। वे समय अब बहुत निकट आ पहुंचा है, इसलिए हमें उसके आने के लिए आत्मा में तैयार रहना चाहिए। निरंतर प्रार्थना तथा वचन के नीव को थामें रखना चाहिए।
ऐसा न हो कि हम सोते रहें और प्रभु आ जाएं। सोते रहने से यहां तात्पर्य यह है ; कि हम अभी भी संसारिक कार्यों में,अपने मनोरंजनो में लगे पढ़ें हों और आत्मा में सोते रहें और प्रभु आ जाएं और हम यहीं रहकर कहीं नाश न हो जाए। इसलिए हमें निरंतर प्रार्थना में बने रहना है। हमें सदा प्रभु के आगमन के लिए पुरे आत्मा से, पुरे मन से, पुरे समर्पण से अब तैयार रहने कि आवश्यकता है। जैसे प्रभु आगे यह फिर से समझाते हैं; परन्तु यह जान लो कि यदि घर का स्वामी जानता होता कि चोर किस पहर आएगा, तो जागता रहता; और अपने घर में सेंध लगने न देता। [मत्ती 24:43] इसका तात्पर्य स्पष्ट है यहां कि अगर हमें पता हो कि रात में चोर चोरी करने आने वाला है तो हम क्या उस रात चैन से सो पाएंगे या इसी डर में जागते रहेंगे। जी हां, उस रात जागते रहेंगे कि हम अपनी घर कि रक्षा कर सके और हमारे घर पर कि कोई हानि न हो।
बिल्कुल इसी प्रकार होगा प्रभु के आने का दिन चोर के समान। जो अचानक हम पर आ पढेंगा जैसा कि वचन लिखा भी है और बाइबल दर्शाती है; क्योंकि तुम आप ठीक जानते हो कि जैसा रात को चोर आता है, वैसा ही प्रभु का दिन आने वाला है। [1 थिस्सलुनीकियों 5:2] और जैसे हम चोर के समय को जान कर अपनी घर कि रक्षा करते हैं जागते हुए, ऐसी ही हमें अपने प्रभु के आने के दिन के विषय भी अपनी रक्षा करनी है नाश होने से, निरंतर जागते हुए।
मेरे प्रिय भाई-बहनों, हम यह नहीं कहता कि रातों को सोएं ही ना और जागते रहें। कहने का तात्पर्य है कि हमें आत्मा में जागते रहना है, प्रार्थना में निरंतर बने रहना है और यदि कोई शारीरिक रूप से योग्य हो तो वह रात को जाग कर भी प्रार्थना कर सकता है। मेरे प्रियों, अपने मनो में, अपने विचारों में परमेश्वर के स्वभाव को, उसकी पवित्राई को सामिल करें। उसके मार्गों पर चलते हुए संसारिक लोभ ललसाओं से संभलते हुए उसके आगमन के लिए जागते रहें। प्रार्थना में रहें क्योंकि प्रभु हमें समझातें हैं कि प्रभु का आगमन हम पर अचानक आ पढेंगा, उस दिन को कोई नहीं जानता। स्वम प्रभु ने कहा; पुत्र भी नहीं जानता, केवल पिता तो हमें इस वचन को ध्यान में रखते हुए प्रभु के आने के दिन के विषय सचेत रहना है।
ऐसा न हो कि हम इस विपत्ति में यों ही नाश हो जाएं और आने वाले प्रभु के दिन के लिए तैयार न हो पाएं। इसलिए प्रभु आगे भी कहते हैं ; इसलिये तुम भी तैयार रहो, क्योंकि जिस घड़ी के विषय में तुम सोचते भी नहीं हो, उसी घड़ी मनुष्य का पुत्र आ जाएगा [ मत्ती 24:44 ] मेरे प्रियों, प्रभु हमें फिर से एक बार उस घड़ी के विषय सचेत करते हैं कि हम परमेश्वर के आने विषय सचेत रहें, जागते रहें। क्योंकि यह सच ही है कोई उस दिन को नहीं जानता कि वे कब हम पर आ पढेंगा। परन्तु हमें इस पृथ्वी पर ऐसे दिन बिताने हैं कि जैसे हर दिन प्रभु का आगमन का दिन है, पुरी आत्मा में तैयारी के साथ।
हमें उस तरह नहीं जीना जैसे नूह के समय में लोग जी रहे थें। अपने ही जीवन में संसारिक लोभ-लालसाओं और नाश वान जीवन में और फिर जल प्रलय ने अचानक उन को नाश कर दिया। हमें तो निरंतर प्रभु के आगमन को सदा अपनी हृदयों में रख कर, सावधानी से जागरुकता से चलना है। क्योंकि वे उस दिन कि चेतावनी प्रभु हमें देता है। क्योंकि हम परमेश्वर के ज्योति कि सन्तान है, वह नहीं चाहता कि अंधकार हमें नाश कर पाए। जैसा वचन 1 थिस्सलुनीकियों 5 अध्याय और उसके 4 और 5 पद में पौलूस हमें सिखाते हैं; पर हे भाइयों, तुम तो अन्धकार में नहीं हो, कि वह दिन तुम पर चोर की नाईं आ पड़े। क्योंकि तुम सब ज्योति की सन्तान, और दिन की सन्तान हो, हम न रात के हैं, न अन्धकार के हैं। और पौलूस यहां स्पष्ट भी किया है कि हम अन्धकार में न रहें।
वह सच्ची ज्योति जो प्रभु का सच्चा प्रकाशन है, हम उसके सन्तान हैं। इसलिए हमें उसके आगमन के विषय सदा जागते हुए रहना है। परमेश्वर कि ज्योति को अपने ह्रदय में रखते हुए और उन्होंने यहां कहा भी ; इसलिये हम औरों की नाईं सोते न रहें, पर जागते और सावधान रहें। [1 थिस्सलुनीकियों 5:6] यहां पौलूस भी इसी प्रकार कलिसिया को सिखातें हैं कि किस प्रकार हमें यीशु के पुनरागमन के लिए तैयार रहना है। क्योंकि हम अन्य जातियों के समान सोतें न रहें, न ही मतवाले बने रहें, जैसे और मनुष्य है संसार में जो जानते ही नहीं प्रभु के विषय में।
हम तो प्रभु की सच्चाई को जानते हैं मेरे प्रिय भाई-बहनों, उसके उद्धार की विषय को हम पहचान ते हैं, तो हमें सदा जागते रहना है और प्रार्थना करते रहना है कि हम नाश न हो। क्योंकि प्रभु यीशु ने हमारे लिए प्राणों कि हानि सही, वह इसलिए नहीं कि हम यूंही खाते-पीते अपनी दुनिया में, अपनी ही मनोरंजन की दिनों को बिताएं और उसके आगमन के विषय कुछ भी तैयारी न करें। वरन् बाइबल में स्पष्ट है की ; वह हमारे लिये इस कारण मरा, कि हम चाहे जागते हों, चाहे सोते हों: सब मिलकर उसी के साथ जीएं। [1 थिस्सलुनीकियों 5:10] पर हम तो दिन के हैं, विश्वास और प्रेम की झिलम पहिनकर और उद्धार की आशा का टोप पहिन कर सावधान रहें। [ 1 थिस्सलुनीकियों 5:8] क्योंकि परमेश्वर ने हमें क्रोध के लिये नहीं, परन्तु इसलिये ठहराया कि हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा उद्धार प्राप्त करें। [1 थिस्सलुनीकियों 5:9]।
कितना स्पष्ट रुप से समझाया गया है कि हमें सदा विश्वास में बने रहना है, कि प्रभु का आगमन निकट है तथा सदा हमें उद्धार का जो प्रभु ने हमारा किया भी उसी की आशा को थामें रख कर जागते रहना है। और यह अपने हृदयों में विश्वास रखना है कि हमारा परमेश्वर आएगा और हमें अपने साथ ले जाएगा। और हमें यही सब बातें अपने ध्यान में रखते हुए सावधान रहना हैं। यही हमारा विश्वास है कि प्रभु हमें लेने आएंगे तथा यहां यह भी स्पष्ट किया गया है जो हमें सच्ची शांति देता है कि प्रभु ने हम धर्मियों को क्रोध के लिए नहीं, वरन् इसलिए ठहराया है कि हम पुरा - पुरा उद्धार प्राप्त करें। तथा अपने दिनों को व्यर्थ न गंवाएं कि हम नाश हो जाएं।
मेरे प्रियों, परमेश्वर बहुत ही दयालु हैं वे हम सब से प्रेम करता है। इसलिए वे हमें इस समय के चलते जागते रहने के विषय सिखाता है, जिस से कि हम उद्धार का टोप पहनकर उसके आगमन के विषय तैयार रहें अपना उस उद्धार को जो प्रभु ने अपना प्राण देकर हमें दिया है उसे न गंवाएं। तो भाइयों-बहनों हम आज इस वचन को सिख कर और समझ कर उसके आधार पर प्रभु के आने के दिनों के लिए तैयार रहना हैं। निरंतर प्रार्थना में बने रहकर, पवित्र जीवन जीकर , विश्वास में बने रह कर, प्रभु कि आने की सच्ची आशा रख कर जिससे वे अचानक आनेवाले दिन से हम घबराएं नहीं। वरन् आनंदित रहें और प्रभु के साथ पुर्ण रिती से स्वर्ग में प्रवेश कर पाएं। कि हम जानते हैं कि प्रभु जल्द ही आनेवाला है और हम इसको उसी प्रकार से तैयार कर सकते हैं। यह तभी संभव हो सकता है जब हम जागते रहें और निरंतर आत्मा में प्रार्थना करते रहें। अपने लिए भी और दूसरों के लिए भी।
परमेश्वर इस संदेश के द्वारा आपको आशीष दे।
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