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परमेश्वर के वादे | Promises Of God In The Bible


परमेश्वर के वादे | Promises Of God In The Bible

आज का हमारा विषय है। परमेश्वर ने बहुत से वायदे हम से किए हैं। परमेश्वर का वायदा हमेशा पूरा होता है क्योंकि परमेश्वर कोई भी ऐसा वायदा नहीं करते हैं जो पूरा नहीं होता। परन्तु परमेश्वर का कोई भी वायदा आज तक हम देखें। ऐसा नहीं है कि पूरा लागू न हुआ हो वह हमारे जीवन के अंदर जो परमेश्वर में विश्वास रखते हैं परमेश्वर के सामने अपनी सारी बातों को रख देते हैं। परमेश्वर हरेक बात को पूरा करते हैं। 


इसीलिए हमें ध्यान रखना है परमेश्वर का दास यहोशू इस प्रकार से कहता है। यहोशू 23 अध्याय इसके 14 पद में " सुनो, मैं तो अब सब संसारियों की गति पर जाने वाला हूं, और तुम सब अपने अपने हृदय और मन में जानते हो, कि जितनी भलाई की बातें हमारे परमेश्वर यहोवा ने हमारे विषय में कहीं उन में से एक भी बिना पूरी हुए नहीं रही; वे सब की सब तुम पर घट गई हैं, उन में से एक भी बिना पूरी हुए नहीं रही।"


हर एक बात जो परमेश्वर में कहा, वचन के अंदर वो पूरा हुआ है क्योंकि परमेश्वर का एक बिंदु भी कहा हुआ कभी टल नहीं सकता है। प्रियों हमें ध्यान रखना है। इस बात को समझना है। बहुत बार हम भूल जाते हैं। बहुत हल्के में इस बात को ले लेते हैं। परमेश्वर का वचन हमें बताता है। हमें ध्यान रखना है। परमेश्वर मनुष्य नहीं कि झुठ बोले परमेश्वर खरा है। अपनी बात में अड़े हैं जो भी उसने कहा वो पूरा होता है। यहोशू कहता है परमेश्वर ने जितने भी प्रतिज्ञा उनमें से की है कोई भी अधूरी नहीं है। सब के सब पूरी हुई है।


परमेश्वर में हमें विश्वास करने की जरूरत है। प्रभु के पास आने की जरूरत है और जो विश्वास के साथ प्रभु के पास आते हैं। परमेश्वर हमारे जीवन में आशीष देता है। प्रियों हमें ध्यान रखना है। परमेश्वर वास्तव में हमें प्यार करता था। परमेश्वर ने वायदा किया है, आपको जॉब देगा तो आपको जॉब मिलेगी। परमेश्वर ने आपको जो भी कहा है वो सब आपके जीवन में घटित होगा प्रियों। आपको बच्चे, परिवार नौकरी, बिजनेस जो भी प्रभु ने कहा है, हम प्रभु से मांगे और परमेश्वर दयालु है हमें देता है।


परमेश्वर के वायदे हम परमेश्वर के वचन में देख सकते हैं। बाइबिल में 1 से 1 वायदे प्रभु ने दिए जो हम उसपर विश्वास करते हैं और भरोसा रखते हैं तो ये परमेश्वर को अच्छा लगता है। और परमेश्वर इससे प्रसन्न होता है और वो हमारे जीवन में बहुतायत कि आशीष देता है। प्रियों जब हम परमेश्वर से सबसे अधिक असंभव लगने वाली प्रतिज्ञा में हम विश्वास करते हैं और दावा करते हैं और ये मान लेते हैं कि अवश्य पूरी होगी। तो परमेश्वर प्रसन्न होता है। परमेश्वर का सम्मान मिलता है और वो हमारी हर एक बात को पूरा करता है। 


हम देखे एक बार एक दिन ऐसा हुआ कि नेपोलियन अपनी सेना का निरीक्षण करने के लिए गया और तभी उसका घोड़ा बेकाबू हो गया। जब वो सेना का निरीक्षण कर रहा था और सम्राट ऐसा लगा कि शायद गिर जाएगा। एक सिपाही ने दौड़ कर जल्दी से उसके पास आया और घोड़े की लगाम को पकड़ कर घोड़े को शांत किया और एक तरफ खड़ा सा कर दिया और सम्राट ने ये जानते हुए कि एक सिपाही है उससे क्या कहा ?


प्रियों आप देखे परमेश्वर अद्भुत तरीके से काम करता है। सम्राट ने जानते हूए कि यह एक सिपाही है उसको का बहुत-बहुत धन्यवाद कप्तान। सिपाही ने भी उसी तर्ज में जवाब दिया। कितनी अद्भुत बात है, एक सिपाही से सम्राट कह रहा है बहुत बहुत धन्यवाद कप्तान। कप्तान भी उसी तरीके से जवाब देता है। प्रियों जब हम विश्वास करते हैं वचन में और हम मान लेते हैं परमेश्वर हमारे जीवन में बहुतायत कि आशीष देता है। 


प्रियों, यहां पर हम देखते हैं, उसने इस बात को और सीरियसली लिया और यह सम्राट के मुंह से निकला हुआ वचन वायदा किस प्रकार से सिपाही के जीवन में एक अद्भुत काम कर जाता है, जब वह अपने मित्रों को बताता है अपने साथियों को बताता है। लोग उसकी मजाक उड़ाते और यरे सम्राट ने गलती से कप्तान समझ लिया होगा। प्रियों, सम्राट ने जानबूझकर इस बात को उसने कहा था और उसने ध्यान से सुना और यही कारण है कि वो बहुत ही खुश हुआ और अपने लोगों को बताया और अपने जीवन में उसी समय उसने दावा किया। सम्राट ने वास्तव में उसको एक कप्तान बनाया बहुत से लोगों ने देखा। वास्तव में यह सच हो गया।


प्रियों हमारे जीवन में भी कि प्रभु वायदा करता है, वह सम्राट से भी बढ़कर है। वह भी हमारे जीवन में बहुतायत कि आशीष देता है। इसलिए हमें समझने की आवश्यकता हमें विश्वास करने की आवश्यकता है। हमें विश्वास करना है कोई भी स्थिति क्यों न हो। ये विश्वास में प्रभु के पास आते हैं। वो हमारे जीवन में आशीष देता है। यहां हम देखते हैं एक सिपाही ने विश्वास किया। ध्यान से सुना कि उसके सम्राट ने क्या कहा है और उसने जवाब भी दिया। उसने दावा भी पेश किया। वह हमें प्रभु की प्रतिज्ञाओं को दावे के ऊपर और परमेश्वर के सामने रखना है। प्रभु हमें आशीष देता है और हमें आगे बढ़ाता है।


परमेश्वर के भक्त मैक्लॉरेन ने इस प्रकार से कहा है- जितनी चाहे हम उतनी आशीष का आनंद ले सकते हैं। हम जितनी चाहे उतनी कैसे प्रियों ? प्रभु यीशु ने प्रवेश आशीषों के भंडार की चाबी हमारे हाथ में रख दी है। लो जो चाहे ले लो हम जो चाहे उसे पा सकते हैं। कैसे हम उसका इस्तेमाल कर रहे हैं उस चाबी को हमें इस्तमाल करना है। बहुत सी प्रतिज्ञा परमेश्वर दिए और इस प्रकार हम समझ सकते हैं।


एक बार क्या हुआ एक व्यक्ति आया और लोगों ने उसके हाथ में बैंक चाभी तिजोरी की चाबी रख दी और कहा इस तिजोरी में जाकर जो चाहे आप ले सकते हो। जितना धन चाहे आप प्राप्त कर सकते हो और वह  व्यक्ति अंदर गया और 1 रूपया लेकर बाहर आ गया। वो कंगाल था किसकी गलती है उसको मौका मिला तिजोरी में जाने का, बैंक की तिजोरी में जाने का मौका मिला चाबी मिली। जितना चाहे धन ले सकते हो वह 1 रूपया लेकर बाहर आया और वह वैसे ही कंगाल का कंगाल रहा। 


प्रियों हमारे जीवन में भी परमेश्वर ने बहुत प्रतिज्ञाएं दी है। बाईबिल हमें दी है। खजाना हमें दिया है। हम जो चाहे प्रभु से मांग सकते हैं, प्रभु देने वाला है। प्रभु कभी भी मुखरता नहीं है। लेकिन हम हैं कि उसी 1 रूपय की तरह 1 रुपए के बराबर हमारे पास स्वर्गीय धन है। आज हम घाटी में क्यों रहते हैं क्यों हम परेशान हो जाते? क्यों चिंता में पड़ जाते? क्यों महामारियों से डर जाते हैं। क्यों बीमारियों से डर जाते? क्यों हमारा विश्वास डगमगा जाता है? क्योंकि हम परमेश्वर के प्रतिज्ञाओं में विश्वास नहीं करते हैं। शक करते हैं और यही कारण है। शक करने वाला संदेह करने वाला समुन्द्र के लहरों के समान आती और जाती जाती है। 


हमें विश्वास करना है। अपने प्रभु से मांगना है, परमेश्वर हर एक प्रतिज्ञा को पूरा करता है। उसने यहोशू से, यहोशू 1 अध्याय उसके 3 पद में ये वायदा किया " जिस जिस स्थान पर तुम पांव धरोगे वह सब मैं तुम्हे दे देता हूं।"


वो जगह मैं तुम्हें दे देता हूं। प्रियों हमें क्या करना हमें उस स्थान पर जाना क्लेम करना है। प्रतिज्ञा जो परमेश्वर ने दी है उसमें विश्वास करना है और मांगना है। प्रभु देने के लिए तैयार है। आज हमारे जीवन में हम देखें - क्या वास्तव में हम प्रतिज्ञाओं में विश्वास करते हुए ध्यान करते हैं? और प्रार्थना मैं प्रभु के पास आकर उनसे मांगते हैं। प्रभु हमारे जीवन को आशषों से भरना मांगते हैं। हमारे जीवन में खुशहाली देना चाहते हैं, लेकिन अब जब हम वास्तव में प्रभु में विश्वास करते हैं और उसकी आज्ञा को मानते हैं और जब हम दावा करते हैं। प्रभु आपने कहा है प्रभु आपने ऐसा कहा है। प्रभु वास्तव में हमेशा हमारी प्रार्थना सुनने के लिए तैयार है। जिस प्रकार उस सम्राट ने उस सिपाही को कप्तान बना दिया। अभी हमारे हाथ में हम सिपाही बने रहना चाहते हैं। क्या कप्तान बनना चाहते हैं?


हम उस तिजोरी में जाकर 1 रुपया बाहर लाकर कंगाल बने रहना चाहते हैं या हम धनवान बनना चाहते। परमेश्वर कि आशिषों को प्राप्त करके हम लोगों के लिए आशीष का कारण बन सकते हैं। 


प्रार्थना:


आइए हम प्रार्थना करें। प्रेमी पिता का धन्यवाद आपकी स्तुति बड़ाई करते हैं। प्रभु, सचमुच तू दया का धनी है प्रभु, और तू कभी भी अपनी बात से मुकरता नहीं है। तु अपनी प्रतिज्ञाओं को हमेशा पूरा करता है। जब विश्वास के साथ हम तेरे पास आते हैं तो हरेक को आशीषीत कर। हां, प्रभु तु दया अनुग्रह कर हम जितनों ने इस बात को जाना है, पढ़ा है प्रभु हम भी उस सिपाही की तरह सम्राट जो हमारा स्वर्गीय पिता है जो हमारा सृजन हार है। उसकी बात को ध्यान से सुनते हुए और उसी तर्ज में दावा कर सके। प्रार्थना के साथ उसके चरणों आ सके प्रभु तु दया कर, प्रार्थना प्रभु यीशु मसीह के नाम से मांगते हैं सुन और दाया से ग्रहन कर" आमीन।


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