दूसरों की सहायता करें | Bible Verses About Helping Others In Need (Luke 5:17-26)
केवल परमेश्वर ही पाप क्षमा कर सकते हैं। यीशु ने प्रगट किया कि वह परमेश्वर है।
आप किसी मित्र की सहायता करने के लिए क्या करेंगे?
अगर आपके लिए उसकी सहायता करना मुश्किल हो क्या फिर भी आप उसकी मदद करेगें?
यदि वे किसी पहाड़ी पर से फिसल कर गिर गये हों तो क्या आप पहाड़ पर चढ़कर उन्हें बचाने की कोशिश करेंगे? यदि उन्हें दवा की जरूरत हो तो क्या आप शहर के दूसरे छोर तक जाकर उसके लिए दवा लाएंगे?
अगली कहानी यीशु द्वारा बहुत सी जगहों की यात्रा करने व बहुत से लोगों को चंगा करने के बाद आती है। उसके उपदेश को सुनने के लिए बहुत बड़ी भीड़ जमा हुआ करती थी। वे इस आशा के साथ बीमारों को उसके पास लाया करते थे कि उनके मित्र और उनके परिवार के लोग चंगे हो जाएंगे। उन्होंने अपने मित्र को यीशु के पास लाने के लिए अति रचनात्मक कार्य किया। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि उन्होंने क्या किया?
हम इस कहानी को बाइबल में लूका 5:17-20 में पढ़ सकते हैं।
एक दिन ऐसा हुआ कि वह उपदेश दे रहा था, और फरीसी ओर व्यवस्थापक वहाँ बैठे हुए थे जो गलील और यहूदिया के हर एक गाँव से और यरूशलेम से आए थे, और चंगा करने के लिए प्रभु की सामर्थ्य उसके साथ थी। उस समय कई लोग एक मनुष्य को जो लकवे का रोगी था, खाट पर लाए, और वे उसे भीतर ले जाने और यीशु के समने रखने का उपाय ढूँढ रहे थे। पर भीड़ के कारण उसे भीतर न ले जा सके। लूका 5:17-19
विकलांग व्यक्ति
वह चल नहीं सकता था, इसलिए वह एक चादर पर ही लेटा रहता था।
मित्र गण
उन्होंने ठान लिया था कि वे अपने इस विक्लांग मित्र को यीशु के पास ले जाएंगे।
फरीसी
फरीसी धार्मिक अगुवे थे जो धार्मिक व्यवस्थाओं का पालन करते थे और जिन्होंने यीशु का विरोध किया।
तो उन्होंने छत पर चढ़कर और खपरैल हटाकर, उसे खाट समेत बीच में यीशु के सामने उतार दिया।
उसने उनका विश्वास देखकर उससे कहा, "हे मनुष्य तेरे पाप क्षमा हुए। "
तब शास्त्री और फरीसी विवाद करने लगे, यह कौन है जो परमेश्वर की निन्दा करता है? परमेश्वर को छोड़ ओर कौन पाप क्षमा कर सकता है? लूका 5:19-21
यीशु ने उनकी मन की बातें जानकर, उसने कहा, तुम अपने मनों में क्या विवाद कर रहे हो? सहज क्या है? क्या यह कहना कि 'तेरे पाप क्षमा हुए,' या यह कहना कि 'उठ और चल फिर ? परन्तु इसलिए कि तुम जानों कि मनुष्य के पुत्र को पृथ्वी पर भी पाप क्षमा करने का अधिकार है। उसने उस लकवे के रोगी से कहा, मैं तुझ से सच कहता हूँ, उठ और अपनी खाट उठाकर अपने घर चला जा । वह तुरन्त उनके सामने उठा, और जिस पर वह पड़ा था उसे उठाकर, परमेश्वर की बड़ाई करता हुआ अपने घर चला गया। तब सब चकित हुए और परमेश्व की बड़ाई करने लगे और बहुत डर कर कहने लगे, आज हम ने अनोखी बातें देखीं हैं। लूका 5:22-26
बाइबल हमें अपने समान दूसरों को प्रेम करना सिखाती है। अपने मित्र की सहायता करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि हम उसे यीशु के बारे में जानने में मदद करें। जिस प्रकार से इस कहानी में मित्रों ने किया आप भी अपने मित्रों से यीशु का परिचय करा सकते हैं। वह आपको और उन्हें क्षमा कर सकता है। वह परमेश्वर होने के कारण उनके जीवन को परिवर्तित कर उन्हें आशा प्रदान कर सकता है। उन्हें अपने घर या कलीसिया में बुलाकर उन्हें यीशु के बारे में बताएं। सभी लोगों को यीशु की ज़रूरत है।
याद करने वाला वचन
यह वचन हमें याद दिलाता है कि हमारे प्रेम के द्वारा हम दूसरों को यीशु के दर्शन करा सकते हैं। यदि तुम एक दूसरे से प्रेम रखोगे तो इसी से लोग जानेंगे कि तुम मेरे ले हो। यूहन्ना 13:35
यह भी पढ़ें
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें