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भजन संहिता / Psalm 4 - सहायता के लिए संध्या कालीन प्रार्थना

भजन संहिता / Psalm 4 - सहायता के लिए संध्या कालीन प्रार्थना 

भजन संहिता / Psalm 4  - सहायता के लिए संध्या कालीन प्रार्थना
Psalm 4

प्रार्थना करना बहुत जरूरी है। प्रार्थना से सामर्थ्य और शक्ति मिलता है। शास्त्र की प्रार्थना करना और भी शक्तिशाली है

भजन संहिता 4:1-8


1.हे मेरे धर्ममय परमेश्वर, जब मैं पुकारूं तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं सकेती में पड़ा तब तू ने मुझे विस्तार दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले॥ 


2 हे मनुष्यों के पुत्रों, कब तक मेरी महिमा के बदले अनादर होता रहेगा? तुम कब तक व्यर्थ बातों से प्रीति रखोगे और झूठी युक्ति की खोज में रहोगे? 


3 यह जान रखो कि यहोवा ने भक्त को अपने लिये अलग कर रखा है; जब मैं यहोवा को पुकारूंगा तब वह सुन लेगा॥ 


4 कांपते रहो और पाप मत करो; अपने अपने बिछौने पर मन ही मन सोचो और चुपचाप रहो। 


5 धर्म के बलिदान चढ़ाओ, और यहोवा पर भरोसा रखो॥ 


6 बहुत से हैं जो कहते हैं, कि कौन हम को कुछ भलाई दिखाएगा? हे यहोवा तू अपने मुख का प्रकाश हम पर चमका! 


7 तू ने मेरे मन में उससे कहीं अधिक आनन्द भर दिया है, जो उन को अन्न और दाखमधु की बढ़ती से होता था। 


8 मैं शान्ति से लेट जाऊंगा और सो जाऊंगा; क्योंकि, हे यहोवा, केवल तू ही मुझ को एकान्त में निश्चिन्त रहने देता है॥ 


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