अपने कामों व बातों से दूसरों को यहां तक कि अपने शत्रुओं पर यीशु का प्रेम प्रगट करें।
वह मजंर कैसा होता है जब कुछ ऐसा हो जाए जिसकी आपको अपेक्षा न हो?
यह कहानी यीशु द्वारा बतायी कहानी है जिसमें वह अनापेक्षित कार्यों को करने वाले लोगों के बारे में बताता है। पता करें कि क्या हुआ। आप इस कहानी को बाइबल में लूका 10:25-37 में पढ़ सकते हैं।
दूसरों को प्रेम करें
और देखो, एक व्यवस्थापक उठा और यह कहकर उसकी परीक्षा करने लगा, "हे गुरू, अनन्त जीवन का वारिस होने के लिए मैं क्या करूँ? उसने उससे कहा, "व्यवस्था में क्या लिखा है? तू कैसे पड़ता है?"
उसने उत्तर दिया, "तू प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी शक्ति और अपनी सारी बुद्धि से प्रेम रख और अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख"।
उसने उससे कहा, "तू ने ठीक उत्तर दिया, यही कर तो तू जीवित रहेगा।" परन्तु उसने अपने आप को धर्मी ठहराने की इच्छा से यीशु से पूछा, "तो मेरा पड़ोसी कौन है?" [लूका 10:25-29]
यीशु ने उत्तर दिया, "एक मनुष्य यरूशलेम से यरीहो जा रहा था कि डाकुओं ने उसको घेरकर उसके कपड़े उतार लिये, और मार पीटकर उसे अधमरा छोड़कर चले गए। और ऐसा हुआ के उसी मार्ग से एक याजक जा रहा था, वह भी उसे देखकर कतराकर चला गया। इसी रीति से एक लेवी वहाँ आया, वह भी उसे देखकर कतराकर चला गया। [लूका 10:30-32]
परन्तु एक सामरी वहाँ आ निकला, और उसे देखकर तरस खाया। उसने उसके पास आकर उसके घावों पर तेल और दाखरस डालकर पट्टियाँ बाँधी। [लूका 10:33-34]
और अपनी सवारी पर बैठाकर सराय में ले गया, और उसकी सेवा टहल की। दूसरे दिन उसने दो दीनार निकालकर सराय के मालिक को दिए, और कहा, "इसकी सेवा टहल करना, और जो कुछ तेरा और लगेगा, वह मैं लौटने पर तुझे भर दूँगा।" [लूका 10:34ब -35]
अब तेरी समझ में जो डाकुओं से घिर गया था, इन तीनों में से उसका पड़ोसी कौन ठहरा? उसने कहा, "वही जिस पर उसने दया की। यीशु ने उससे कहा, "जा तू भी ऐसा ही कर [लूका 10:36-37]
रूककर अपने मित्र की सहायता करना आसान है। भले सामरी की कहानी हमें उन लोगों की मदद करना सिखाती है जो हमारे मित्र नहीं हैं। प्रभु यीशु मसीह हमसे दूसरों को इसी प्रकार प्रेम करने की अपेक्षा करते हैं। उसने इस प्रकार का प्रेम तब प्रगट किया जब उसने ऐसे लोगों के लिए अपनी जान दे दी जो उसके मित्र नहीं थे।
हमारे पड़ोसी को प्रेम करने का सबसे अच्छा तरीका है कि हम अपने कामों द्वारा यीशु के प्रेम को प्रगट करें तथा उन्हें यह शुभसमाचार सुनाएं कि यीशु उन्हें बचाना चाहता है। हमें सबसे पहले उन्हें प्रेम करने की ज़रूरत है। बाइबल कहती है, हम इसलिए प्रेम करते हैं कि पहले उसने हम से प्रेम किया । " 1 यूहन्ना 4:19
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FAQ.
याजक कौन था ?
एक जन जो यहूदी मन्दिरों में महत्वपूर्ण काम किया करता था।
लेवी कौन था ?
जो याजकों की मन्दिर के कामों को करने में सहायता किया करता था ।
सामरी कौन था ?
सामरी लोगों को यहूदी लोग तुच्छ और नीचा माना करते थे।
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