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परमेश्वर पर भरोसा रखें | Trusting God In Difficult Times

सबसे कठिन समयों में भी परमेश्वर भरोसेमन्द है

परमेश्वर पर भरोसा रखें  | Trusting God In Difficult Times

बाइबल में बहुत से अगुवों ने अपने विश्वास के आधार पर साहस और परमेश्वर पर भरोसा किया। दानिय्येल ने सिंहों की मांद में ऐसा किया ( दानिय्येल 6:3-27), और ठीक इसी तरह हिम्मत का काम उसके मित्र शद्रक, मेशक व अबेदनगो ने भी किया (दानिय्येल 3:3-28)।


देखें कि क्या हुआ जब एक छोटा सा बालक एक दानव के सामने खड़ा हुआ जिसके सामने दूसरे सभी सैनिक लड़ने के लिए खड़े होने से डरते थे।


शाऊल और इस्राएली पुरूषों ने भी इकट्ठे होकर एला नामक तराई में डेरे डाले, और युद्ध के लिए पलिश्तियों के विरूद्ध पाँति बाँधी। पलिश्ति तो एक ओर के पहाड़ पर और इस्राएली दूसरी ओर के पहाड़ पर खड़े रहे और दोनो के बीच तराई थी।

परमेश्वर पर भरोसा रखें  | Trusting God In Difficult Times

तब पलिश्तियों की छावनी में से गोलियत नामक एक वीर निकला, जो गत नगर का था, और उसकी लम्बाई छः हाथ एक बित्ता थी।


वह खड़ा होकर इस्राएली पाँतियों को ललकार के बोला, तुम ने यहाँ आकर लड़ाई के लिए क्यों पाँति बाँधी है? क्या मैं पलिश्ति नहीं हूँ, और तुम शाऊल के अधीन नहीं हो? अपने में से एक पुरूष चुन लो. कि वह मेरे पास उतर आए। यदि वह मुझ से लड़ कर मुझे मार सके, तब तो हम तम्हारे अधीन हो जाएंगे परन्तु यदि मैं उस पर प्रबल होकर माँरू, तो तुम को हमारे अधीन होकर हमारी सेवा करनी पड़ेगी। फिर वह पलिश्ति बोला, मैं आज के दिन इस्राएली पाँतियों को ललकारता हूँ, किसी पुरुष को मेरे पास भेजो, कि हम एक दूसरे से लड़ें। उस पलिश्ति की उन बातों को सुन कर शाऊल और समस्त इस्राएलियों का मन कच्चा हो गया, और वे अत्यन्त डर गए। 1 शमूएल 17:24, 8-11


जब सेना रण भूमि को जा रही थी और संग्राम के लिए ललकार रही थी, उसी समय वह गाड़ियों के पड़ाव पर पहुँचा। दाऊद अपनी सामग्री रखवाले के हाथ में छोड़कर रणभूमि को दौड़ा, और अपने भाईयों के पास जाकर कुशल क्षेम पूछा। वह उनके साथ बातें कर ही रहा था कि पलिश्तियों की पाँतियों में से वह वीर, अर्थात गतवासी गोलियत नामक वह पलिश्ति योद्धा चढ़ आया, और पहले की सी बाते कहने लगा और दाऊद ने उन्हें सुना। उस पुरुष को देखकर सब इस्राएली अत्यन्त भय खाकर उसके सामने से भागे ।


तब दाऊद ने उन पुरूषों से जो उसके आस पास खड़े थे पूछा, वह खतनारहित पलिश्ति क्या है कि जीवित परमेश्वर की सेना को ललकारे? जब दाऊद की बातों की चर्चा हुई, तब शाऊल को भी सुनाई गई और उसने उसे बुलवा भेजा

1 शमूएल 17:20ब, 22ब-24, 26अ, 26स, 31


तब दाऊद ने शाऊल से कहा, किसी मनुष्य का मन उसके कारण कच्चा न हो तेरा दास जाकर उस पलिश्ति से लड़ेगा।


शाऊल ने दाऊद से कहा, तू जाकर उस पलिश्ति से नहीं लड़ सकता क्योंकि तू तो लड़का ही है, और वह लडकपन ही से योद्धा था दाऊद ने शाऊल से कहा, तेरा दास अपनी पिता की भेड़ बकरियाँ चराता था

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फिर दाऊद ने कहा, यहोवा जिसने मुझे सिंह और भालू के पंजे से बचाया है, वह मुझे पलिश्ति के हाथ से भी बचाएगा।


शाऊल ने दाऊद से कहा, जा, यहोवा तेरे साथ रहे। तब शाऊल ने अपने वस्त्र दाऊद को पहनाए. और पीतल का टोप उसके सर पर रख दिया, और झिलम उसको पहनाया।


उसने तो उनको न परखा था। इसलिए दाऊद ने शाऊल से कहा, इन्हें पहनकर मुझ से चला नहीं जाता, क्योंकि मैं ने इन्हें नहीं परखा है और दाऊद ने उन्हें उतार दिया। तब उसने अपनी लाठी हाथ में ली, और नाले में से पाँच चिकने पत्थर छाँटकर अपनी चरवाहे की थैली अर्थात अपने झोले में रखे और अपना गोफन हाथ में लेकर पलिश्तिी के निकट गया।

11 शमूएल 17:32-34अ, 37-38, 394-40


जब पलिश्ती ने दृष्टि करके दाऊद को देखा, तब उसे तुच्छ जाना फिर पलिश्ति ने दाऊद से कहा, मेरे पास आ, मै तेरा मास आकाश के पक्षियों को और वनपशुओं को दे दूँगा। फिर दाऊद ने पलिश्ति से कहा, तू तो तलवार और भाला और सॉंग लिये हुए मेरे पास आता है परन्तु मैं सेनाओं के यहोवा के नाम से आता हूँ, जो इस्राएली सेना का परमेश्वर है, और उसी को तू ने ललकारा है आज के दिन यहोवा तुझ को मेरे हाथ में कर देगा, और मैं तुझ को मारूँगा, तब समस्त पृथ्वी के लोग जान लेंगे कि इस्राएल में एक ही परमेश्वर है और यह समस्त मण्डली जान लेगी कि यहोवा तलवार या भाले के द्वारा जयवन्त नहीं करता, इसलिए कि संग्राम तो यहोवा का है, और वही तुम्हे हमारे हाथ में कर देगा।

1 शमूएल 17:42अ 44-463, 46स-47


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जब पलिश्ति उठकर दाऊद का सामना करने के लिए निकट आया, तब दाऊद सेना की ओर पलिश्ति का सामना करने के लिए फूर्ती से दौड़ा। फिर दाऊद ने अपनी थैली में हाथ डालकर उसमे से एक पत्थर निकाला, और उसे गोफन में रखकर पलिश्ति के माथे पर ऐसा मारा कि पत्थर उसके माथे के भीतर घुस गया, और वह भूमि पर मुँह के बल गिर गया। यूँ दाऊद ने पलिश्ति पर गोफन और एक ही पत्थर के द्वारा प्रबल होकर उसे मार डाला। 1 शमूएल 17:48-50अ


जिस प्रकार से दाऊद ने इस कहानी में किया, हम परमेश्वर पर भरोसा करने के द्वारा परमेश्वर के प्रति अपने प्रेम को प्रगट करते हैं। परमेश्वर पर भरोसा करने का अर्थ है कि हम जानते हैं कि वह संसार में और मेरे जीवन में होने वाली सारी बातों पर नियन्त्रण करने वाला अधिकारी है। कई बार हम भूल जाते हैं कि परमेश्वर हमसे कहीं अधिक जानते हैं। वह जानते हैं कि भूतकाल में क्या हुआ, वर्तमान में क्या हो रहा है, और भविष्यकाल में क्या होगा। यह जानने से हमें आशा मिलती है आप अपने सम्पूर्ण जीवन के द्वारा परमेश्वर पर भरोसा कर सकते हैं।


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