यीशु का दोबारा आगमन | The Coming Of The Lord
प्रभु यीशु सूली पर मर गया और तीसरे दिन मुर्दों में से जी उठा और चालीस दिन तक इस धरती पर फिरता रहा। उसके बाद अपने चेलों को इकट्ठा करके आशीष देने के बाद स्वर्ग की ओर उठा लिया गया। तब उनके चेले यीशु की ओर देखते रहे। तब स्वर्गीय दूत ने आसमान में खड़े होकर उन लोगों को कहा- हे भाइयो जिस रीति से तुमने उसे स्वर्ग को जाते देखा है, उसी रीति से वह फिर आएगा। यह परमेश्वर का वायदा है।
पुराने नियम में कहा गया था-यीशु आएगा। उसके अनुसार यीशु आ गया। वह इसलिए आया कि वह हमें मार्ग और सच्चाई दिखाये और हमारे पापों के निवारण के लिए उसका पहला आगमन था। लेकिन दूसरा आगमन उसके लिए नहीं है। वह हमें स्वर्ग में ले जाने आ रहा है। जैसे दूल्हा-दुल्हन को ले जाने आता है। उसी प्रकार यीशु अपने ऊपर विश्वास करके बपतिस्मा लेकर पवित्र जिन्दगी बिताने वाले को यीशु अपनी सन्तानों को बादलों में ले जायेंगे। उस समय स्वर्गीय दूत तुरही फूकेंगे और उसका शब्द विश्वासियों के कान में सुनायी देगा तब जितने विश्वासी मसीह में मर गये है वो पहले उठा लिए जायेंगे। उसके बाद हम जो जीवित हैं वो बादलों में उठा लिए जायेंगे। स्वर्ग में उठाये जाने के पहले उस शब्द को सुनकर हमारा शरीर बदल जायेगा और पलक झपकते ही बादलों में उठा लिए जायेंगे। यह सब बात दरअसल एक सेकेण्ड में होगी।
यह बात दो हजार साल पहले यीशु मसीह के मुर्दों में से जी उठने के बाद उनके शरीर में यह बदलाव आया था। उन्होंने स्वर्गीय शरीर को प्राप्त किया। प्रभु ने वही वायदा हमें भी किया। तुम सब बदल जाओगे और उठा लिए जाओगे और प्रभु ने यह भी कहा "तुम्हारा मन व्याकुल न हो मैं तुम्हारे लिए जगह तैयार करने जा रहा हूँ।" स्वर्ग में हमारे लिए बहुत ही अच्छा भवन बनाकर रखा है। उस स्थान पर हम लगभग सात साल रहेंगे। उसके बाद धरती पर यीशु मसीह के साथ राज्य करने वापस आयेंगे।
आइए अपनी बाइबल खोलकर पढ़िए
मत्ती 24 का 3 से लेकर 51 तक 1 थिस्तुनिकियों 4 का 13 से 17 तक 1 कुरिन्थियों 15 का 50 से 58 तक
याद करें 1 थिस्सलुनीकियों 4:16
"क्योंकि प्रभु आप ही स्वर्ग से उतरेगा, उस समय ललकार और प्रधान दूत का शब्द सुनाई देगा, और परमेश्वर की तुरही फूंकी जाएगी, और जो मसीह में मरे हैं वे पहिले जी उठेंगे।"
उसके बाद सात साल धरती पर क्या होता है?
लोगों का यीशु पर विश्वास न करने से और पाप करने के कारण धरती पर बहुत ही कष्ट आने वाला है शान्ति चली जाएगी बड़े अकाल पड़ेंगे। सूर्य काला हो जाएगा, चन्द्रमा लहू सा हो जाएगा और आकाश के तारे पृथ्वी पर ऐसे गिर पड़ेगे जैसे बड़ी आन्धी से हिलकर आम के पेड़ में से कच्चे फल झड़ते है।
आकाश ऐसा सरक जाएगा, जैसा पत्र लपेटने से सरक जाता है और हर एक पहाड़ टापू अपने-अपने स्थान से टल जाएगा पृथ्वी के राजा, और प्रधान और धनवान और सरदार और सामर्थी लोग पहाड़ों की खोहों में और चट्टानों में जा छिपेंगे क्योंकि वो लोगों की समस्या का हल नहीं कर पाऐंगे और बोलेंगे "हे चट्टान, हमारे ऊपर गिर पड़ परमेश्वर के क्रोध से हमें बचा। और लहू से मिले हुए ओले और आग उत्पन्न होगी और पृथ्वी पर डाली जाएगी और पृथ्वी का एक तिहाई भाग गर्जन और शब्द और बिजलियों और भुईडौल होने लगेगा समुद्र का पानी लहु बन जाएगा जिसके कारण बहुत लोगों की मृत्यु हो जाएगी।
बहुत दिन तक अन्धेरा छाया रहेगा और उसके बीच में टिड्डियां आके हरे पत्ते खा जाएगी। टिड्डियों में बिच्छुओं की तरह का डंक है। जिन लोगों को डंक मारेगा वह शेर और इन्सान का मिला रूप होगा वह प्राणी आके लोगों को तंग करेंगा उनकी पूंछ में बिच्छुओं का सा डंक होगा वह प्राणी आके लोगों को तंग करेगा उसकी पूंछ में बिच्छुओं का सा डंक होगा वो पांच महीने तक लोगों को तंग करता रहेगा। इसके बाद हजारों घोड़े आएंगे उनके मुंह से आग, धुंए, गन्धक निकलेगी जिससे बहुत लोग मर जाएंगे। उसकी पूंछ सांपों की सी होगी और उन पूंछों के सिर भी होंगे और इन्हीं से पीड़ा पहुचाएंगे मूर्तिपूजा, दुष्टात्माओं की पूजा, गुरु पूजक हत्या जादू-टोना, व्यभिचार, चोरी करने वाले लोग इन पीड़ाओं को सहेंगे।
धरती पर इसी प्रकार भयंकर कष्ट आने वाला है लोग परमेश्वर को छोड़कर अपने रीति-रिवाज, परम्परा और पाप में फंसे हुए हैं और वे इसे छोड़ना भी नहीं चाहते हैं इसलिए बाइबल कहती है मन फिराओ और पश्चाताप करो।
आने वाले क्रोध से भागो
अपनी बाइबल खोलकर पढ़िए
प्रकाशितवाक्य 6 का 12 से 17 तक 8 का 5 से 11 तक 9 का 1 से 21 तक
याद करें: रोमियों 8:1
अतः "अब जो मसीह यीशु में है, उन पर दण्ड की आज्ञा नहीं क्योंकि वे शरीर के अनुसार नहीं वरन आत्मा के अनुसार चलते हैं।"
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