व्यभिचार के बारे में बाइबल - Bible Verses About Adultery In Hindi - Click Bible

Choose Language

व्यभिचार के बारे में बाइबल - Bible Verses About Adultery In Hindi

व्यभिचार के बारे में बाइबल के विचारों का महत्वपूर्ण हिस्सा है। बाइबल, जिसे दुनिया के कई धर्मों की पवित्र ग्रंथ माना जाता है, विशेष रूप से व्यभिचार को एक अधर्मिक और अनुचित क्रिया मानती है। यह धार्मिक पुस्तक अधिकांशतः एक संतोषजनक और विश्वासयोग्य जीवन शैली के प्रशंसनीय आदर्शों को सिद्ध करने की महत्ता देती है। इस लेख में, हम बाइबल के कुछ ऐसे उद्धरण प्रस्तुत करेंगे जो व्यभिचार के बारे में विचारों को प्रकट करते हैं:

व्यभिचार के बारे में बाइबल - Bible Verses About Adultery In Hindi

1. परमेश्वर के आज्ञाकारी वचन के अनुसार, व्यभिचार एक पाप है और धर्मी जीवन के विरोधी है। बाइबल में निम्नलिखित उद्धरण मिलते हैं:

  • "तू व्यभिचार न करेगा।" (निर्गमन 20:14)
  • "व्यभिचार करनेवाले और व्यभिचारी सबको परमेश्वर दण्ड देगा।" (इब्रानियों 13:4)
2. व्यभिचार धर्मिक समूहों के सम्मान को खतरे में डालता है और परिवार के समर्थन और स्थायित्व को हानि पहुंचाता है। इस विषय में बाइबल कहती है:
  • "जो कोई किसी स्त्री पर कुदृष्टि डाले वह अपने मन में उस से व्यभिचार कर चुका।" (मत्ती 5:28)
  • "पति और पत्नी का संयम रखो और एक-दूसरे के प्रति आदर से व्यवहार करो।" (1 पतरस 3:7)
3. बाइबल व्यभिचार को मन और शरीर की अधिकारिक सम्पत्ति का उल्लंघन मानती है। यह कथन इसका उदाहरण है:
  • "किसी के मन में किसी के पत्नी के प्रति कोई इच्छा न हो। वरन अनजानी स्त्रियों की ओर आँख उठाने का जो संकेत मिले, वह व्यभिचार है।" (मत्ती 5:28)
4. बाइबल संदेश में व्यभिचार के द्वारा संबंधित कष्टों और संतापों का उल्लेख भी किया गया है। यहां एक मिस्री बाई के उदाहरण को प्रस्तुत किया गया है:
  • "जब यात्रियों की वाणी से तू चूर-चूर हुआ, और अच्छी स्त्री के प्रति दृष्टि डाली, तो तू व्यभिचार के द्वारा भारी कष्टों में आयेगा।" (इशाया 4)

यह बाइबल उदाहरण व्यभिचार को एक गंभीर पाप और उसके परिणामों को दर्शाते हैं। व्यभिचार बाइबल में धार्मिकता, पारिवारिक संबंधों की सटीकता, और व्यक्तिगत ईमान की सेवा के विपरीत है। बाइबल सिखाती है कि सच्चे और निष्पक्ष प्रेम में रहना, अपने पत्नी या पति की सेवा करना, और विश्वासयोग्य जीवन के आदर्शों का पालन करना हमारी जिम्मेदारी है।

इस वचनों के द्वारा परमेश्वर आपको आशीष दे।

यह भी पढ़ें

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें