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विरोधी आत्मा ( Anti Spirit )


विरोधी आत्मा ( Anti Spirit )

बपतिस्मा लेने के बाद आपके जीवन में कई समस्याऐं और विरोध जरूर आयेंगे। इसलिए प्रभु ने कहा बुरे दिन का सामना करने के लिए तैयार हो जाओ, उसके हथियार के बारे में हमने पहले लेख में सीख लिया। कितना भी विरोध और दबाव आये लेकिन अन्तिम विजय आपकी ही होगी क्योंकि आपके साथ परमेश्वर है, लेकिन शुरू में बड़ी आंधी-तूफान आयेंगे. आपके रिश्तेदार, पड़ोसी मित्र सब आपका विरोध करेंगे और निन्दा भी करेंगे। हो सकता है कुछ लोग आपको मारें भी आपका खाना और कपड़ा और नौकरी में भी समस्या लायेंगे। वो लोग आपको बहुत सतायेंगे। 


आप याद रखना यह शैतान का बड़ा खेल है और उसकी चालाकी है ताकि आपके विश्वास को तोड़े. आप यीशु मसीह का इंकार करें इन परीक्षाओं को अपने जीवन में सहना पड़ेगा। आप में संयम और धीरज, प्रभु पर पूरा विश्वास जरूर होना चाहिए। आप अविश्वासी न बने विश्वासी बने तब जीवन का मुकुट पायेंगे। बाद रखना आपके माता-पिता और रिश्तेदार सब अच्छे लोग है लेकिन उन्हीं के द्वारा शैतान आपके विश्वास में प्रभाव डालना चाहता है। शैतान को पता है अगर आपका विश्वास मजबूत हो जायेगा तो आपकी खानदान भी बच जायेगा।


इसलिए शैतान उन लोगों के द्वारा, समाज के द्वारा, बड़ी-बड़ी समस्याएं लेकर आता है। लेकिन इन समस्याओं के बीच में आप यीशु मसीह को देखें। यीशु ने हमारे लिए कितना कष्ट उठाया। उनको नंगाकर दिया, कोड़े से मारा शरीर का मांस छील, सिर के ऊपर कांटों का मुकुट रखा, उसकी दाढ़ी और बालों को नोचा, अपमान और निन्दा किया, बड़ी सूली उसके कंधों पर डाल दी।


उसके बाद उसी सूली पर उसको टांग दिया गया और उसके हाथ और पांवों पर कीलें ठोंकी। उसको पीने के लिए सिरका दिया और दो डाकूओं के बीच में उसे टांग दिया। इतना बड़ा कष्ट उठाने के बाद भी प्रभु ने कुछ नहीं बोला बल्कि सब कुछ सह लिया। विरोध नहीं किया और प्रभु ने कहा "हे पिता यह क्या करते हैं इन्हें नहीं पता इन्हें क्षमा कर। "


यीशु ने सारे कष्ट आपके लिए उठाये


देखो प्रभु ने इन सारे कष्टों के ऊपर जय पायी। प्रभु ने मृत्यु के ऊपर भी जय पाया वो ही प्रभु हमें कहता है, "संसार में तुम्हें क्लेश होता है, परंतु ढांढ़स बान्थो, मैंने संसार को जीत लिया है।" इसलिए हम प्रभु को देखें, अपने आपको प्रेम करने वाले न बनें। 


यीशु ने कहा जो कोई मेरे पीछे आना चाहता हो अपने आपका इंकार करे अपने मां-बाप, भाई-बहन, पति-पत्नि, बच्चे, मित्र, रिश्तेदार हर एक समाज के रिश्ते-पैसे और संसार का आदर इन सबसे ज्यादा प्रभु को प्यार करने वाला विजयी जिन्दगी जी सकता है। वो ही लोग विरोधी आत्मा के ऊपर जय पायेंगे।


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