अब्राहम की कहानी बाइबिल की उत्पत्ति (Genesis) पुस्तक के अध्याय 12 से 25 में वर्णित है। उन्हें "विश्वास का पिता" माना जाता है और उनकी जीवन गाथा विश्वास, आज्ञापालन, और परमेश्वर के प्रति समर्पण की अद्वितीय मिसाल है।
परमेश्वर का बुलावा
अब्राहम (जिसे पहले अब्राम कहा जाता था) को परमेश्वर ने बुलाया और उन्हें अपने देश, अपने रिश्तेदारों और अपने पिता के घर को छोड़कर एक नई भूमि पर जाने का आदेश दिया। परमेश्वर ने उन्हें आशीर्वाद देने और एक महान राष्ट्र बनाने का वादा किया। उत्पत्ति 12:1-3: "और यहोवा ने अब्राम से कहा, 'अपने देश, अपने नाते-रिश्तेदारों और अपने पिता के घर को छोड़ कर उस देश में जा जिसे मैं तुझे दिखाऊंगा। मैं तुझ से एक बड़ी जाति बनाऊंगा और तुझे आशीष दूंगा, और तेरा नाम महान करूंगा, और तू आशीष का कारण होगा।'"
हरान से कनान तक
अब्राहम ने परमेश्वर की आज्ञा का पालन किया और अपनी पत्नी सारा, अपने भतीजे लूत और अपनी संपत्ति के साथ हरान से कनान की ओर चल पड़ा। वह इस नए देश में भटकते रहे, लेकिन हमेशा परमेश्वर पर विश्वास बनाए रखा।
वाचा का प्रतिज्ञा
परमेश्वर ने अब्राहम से एक और वाचा की, जिसमें उन्होंने अब्राहम को अनेक संतानों का पिता बनने और कनान की भूमि को उनकी संतान के लिए देने का वादा किया। इस वाचा का प्रतीक खतना था। उत्पत्ति 17:4-5: "अब्राहम से परमेश्वर ने कहा, 'तू कई जातियों का पिता बनेगा। इसलिए तेरा नाम अब्राम नहीं रहेगा, परन्तु तेरा नाम अब्राहम होगा।'"
इसहाक का जन्म
अब्राहम और सारा की वृद्धावस्था में परमेश्वर ने उन्हें एक पुत्र, इसहाक, का आशीर्वाद दिया। यह घटना परमेश्वर की वाचा की पूर्ति थी और उनके विश्वास की पुष्टि थी। उत्पत्ति 21:1-3: "और यहोवा ने सारा पर कृपा दृष्टि की, जैसा उसने कहा था। और यहोवा ने सारा के लिए किया जैसा उसने कहा था। और सारा गर्भवती हुई और अब्राहम के बूढ़े होने के समय पर परमेश्वर के वचन के अनुसार अब्राहम को एक पुत्र उत्पन्न हुआ।"
बलिदान की परीक्षा
परमेश्वर ने अब्राहम की विश्वास की परीक्षा लेने के लिए उनसे अपने पुत्र इसहाक को बलिदान करने का आदेश दिया। अब्राहम ने आज्ञापालन किया और जब वह इसहाक को बलिदान करने जा रहा था, तब परमेश्वर ने उसे रोक दिया और उसकी आज्ञाकारिता के कारण उसे आशीर्वाद दिया। उत्पत्ति 22:12: "तब उसने कहा, 'अपने पुत्र पर हाथ न बढ़ा और उसे कुछ न कर, क्योंकि अब मैं जान गया कि तू परमेश्वर का भय मानता है, क्योंकि तूने अपने पुत्र, अपने एकलौते पुत्र को मुझसे नहीं रोका।'"
स्टडी गाइड:
अब्राहम विश्वास का पिता कहानी का गहन अध्ययन के लिए यह स्टडी गाइड बहुत उपयोगी है। इसमें आपको कहानी के संदर्भ और शिक्षाएं गहराई से समझने को मिलेंगी।
निष्कर्ष
अब्राहम की कहानी हमें यह सिखाती है कि विश्वास, आज्ञापालन और परमेश्वर के प्रति समर्पण जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और आशीर्वाद का कारण बनते हैं। अब्राहम का जीवन उन सभी के लिए प्रेरणा है जो अपने विश्वास को मजबूत रखना चाहते हैं और परमेश्वर के मार्गदर्शन में चलना चाहते हैं।
"अब्राहम को 'विश्वास का पिता' माना जाता है। परमेश्वर ने उन्हें एक महान राष्ट्र का पिता बनने का वचन दिया। अब्राहम की कहानी विश्वास, आज्ञापालन और परमेश्वर के प्रति समर्पण की अद्वितीय मिसाल है।"
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