"अच्छे सामरी की दृष्टांत" लूका 10:25-37 में पाई जाती है और यीशु मसीह द्वारा बताई गई सबसे प्रसिद्ध और प्रिय दृष्टांतों में से एक है। यह दृष्टांत केवल नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा ही नहीं देती, बल्कि समाजिक न्याय और प्रेम का एक अद्वितीय संदेश भी प्रस्तुत करती है। यह दृष्टांत हमें सिखाती है कि वास्तविक प्रेम और करुणा जाति, धर्म, और सामाजिक स्थिति से परे होती है।
अच्छे सामरी की दृष्टांत
दृष्टांत एक विशेषज्ञ के द्वारा यीशु से पूछे गए प्रश्न से शुरू होती है: "अनन्त जीवन प्राप्त करने के लिए मैं क्या करूं?" यीशु ने उसे परमेश्वर के दो सबसे महत्वपूर्ण आदेश याद दिलाए—परमेश्वर से पूरे दिल, आत्मा, शक्ति और मन से प्रेम करना और अपने पड़ोसी से स्वयं के समान प्रेम करना। इसके बाद विशेषज्ञ ने एक और प्रश्न पूछा: "मेरा पड़ोसी कौन है?"
उत्तर देने के लिए, यीशु ने एक दृष्टांत सुनाया:
एक व्यक्ति यरूशलेम से यरीहो की ओर जा रहा था, जब उसे लुटेरों ने घेर लिया, उसकी पिटाई की, और उसे अधमरा छोड़ दिया। सबसे पहले, एक याजक उस रास्ते से गुजरा, लेकिन उसने घायल व्यक्ति को अनदेखा कर दिया और दूसरी ओर से निकल गया। फिर, एक लेवी (धार्मिक सहायक) भी आया, लेकिन उसने भी कोई मदद नहीं की और निकल गया।
अंततः, एक सामरी उस स्थान पर आया। सामरी उस समय के समाज में तिरस्कृत और घृणित माने जाते थे। लेकिन इस सामरी ने घायल व्यक्ति पर दया दिखाई। उसने उसकी देखभाल की, उसके घावों पर तेल और दखरश डाला, और उन्हें पट्टी बांधी। फिर उसने उस व्यक्ति को अपने गधे पर बैठाया, एक सराय में ले जाकर उसकी देखभाल की और सराय के मालिक को अगले दिन दो दिनार दिए, ताकि वह उसकी और देखभाल कर सके।
दृष्टांत का शिक्षा
इस दृष्टांत के माध्यम से यीशु ने यह स्पष्ट किया कि "पड़ोसी" वह नहीं जो केवल हमारे पास या हमारे समान है, बल्कि वह जो जरूरत में है। सच्ची करुणा और प्रेम दिखाने के लिए किसी प्रकार के सामाजिक या धार्मिक सीमाओं को मान्यता देने की आवश्यकता नहीं है। यह दृष्टांत हमें निम्नलिखित महत्वपूर्ण शिक्षाएँ देती है:-
1. करुणा और दया का महत्व: सच्ची करुणा दूसरों की पीड़ा को देखकर उन्हें मदद करने की प्रेरणा देती है, चाहे वे कोई भी हों।
2. प्रतिक्रियाओं का महत्व: हमारे कार्य हमारी सच्ची मानवीयता को प्रकट करते हैं। याजक और लेवी के विपरीत, सामरी ने अपने कार्यों से सच्ची मानवता का परिचय दिया।
3. सामाजिक बाधाओं को तोड़ना: सामरी और घायल व्यक्ति के बीच की सामाजिक बाधाओं के बावजूद, सामरी ने दिखाया कि प्रेम और दया किसी भी प्रकार के सामाजिक भेदभाव से ऊपर हैं।
4. प्रेम का व्यापक अर्थ: यीशु ने यह सिखाया कि हमें अपने पड़ोसी से प्रेम करना चाहिए, चाहे वे किसी भी जाति, धर्म, या समाज के हों।
निष्कर्ष
"अच्छे सामरी की दृष्टांत" केवल एक नैतिक शिक्षा नहीं है, बल्कि यह हमें अपने जीवन में वास्तविक प्रेम, करुणा, और सेवा के महत्व को समझने और अपनाने के लिए प्रेरित करती है। यह दृष्टांत हमें चुनौती देती है कि हम अपने दैनिक जीवन में प्रेम और करुणा को प्राथमिकता दें और बिना भेदभाव के सभी की मदद करें। इस प्रकार, यह दृष्टांत न केवल व्यक्तिगत नैतिकता को बल्कि सामाजिक न्याय को भी प्रोत्साहित करती है।
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