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खोई हुई भेड़ की दृष्टांत (The Parable of the Lost Sheep)

"खोई हुई भेड़ की दृष्टांत" मत्ती 18:12-14 और लूका 15:3-7 में पाई जाती है। यह दृष्टांत यीशु मसीह द्वारा बताई गई उन कहानियों में से एक है जो ईश्वर के असीम प्रेम और करुणा को प्रकट करती है। इस दृष्टांत का मुख्य संदेश यह है कि परमेश्वर प्रत्येक खोए हुए व्यक्ति की तलाश में रहता है और उनकी वापसी पर अत्यधिक आनंदित होता है।


खोई हुई भेड़ की दृष्टांत (The Parable of the Lost Sheep)


दृष्टांत का विवरण


एक चरवाहा अपनी सौ भेड़ों के साथ रहता है। एक दिन उसकी भेड़ों में से एक भेड़ खो जाती है। चरवाहा अपनी 99 सुरक्षित भेड़ों को छोड़कर उस एक खोई हुई भेड़ को खोजने निकल पड़ता है। वह पहाड़ों और घाटियों में उस भेड़ को ढूंढता है, और जब वह खोई हुई भेड़ मिलती है, तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता। वह भेड़ को अपने कंधों पर उठाकर घर ले आता है और अपने दोस्तों और पड़ोसियों को बुलाकर अपनी खुशी साझा करता है।


दृष्टांत का शिक्षा


ईश्वर का असीम प्रेम: इस दृष्टांत के माध्यम से यीशु ने यह सिखाया कि परमेश्वर हर एक व्यक्ति से असीम प्रेम करता है, चाहे वह कितना भी दूर क्यों न चला गया हो। हर व्यक्ति की आत्मा परमेश्वर के लिए मूल्यवान है।


खोज और पुनःप्राप्ति: चरवाहा खोई हुई भेड़ की खोज में निकलता है, यह दर्शाता है कि परमेश्वर हर खोए हुए व्यक्ति को वापस लाने का प्रयास करता है। वह किसी भी प्रयास से पीछे नहीं हटता जब तक वह अपनी खोई हुई संतान को वापस न पा ले।


आनंद और उत्सव: जब खोई हुई भेड़ मिल जाती है, तो चरवाहा अत्यधिक आनंदित होता है और अपनी खुशी को सभी के साथ साझा करता है। इसी प्रकार, जब एक पापी पश्चाताप करता है और परमेश्वर के पास लौटता है, तो स्वर्ग में अत्यधिक खुशी होती है।


समर्पण और धैर्य: इस दृष्टांत से हमें यह भी सिखना चाहिए कि ईश्वर धैर्यवान और समर्पित हैं। वह हमें खोजने और हमें वापस लाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।


निष्कर्ष


"खोई हुई भेड़ की दृष्टांत" केवल एक कहानी नहीं है, बल्कि यह ईश्वर के असीम प्रेम, करुणा और दया का प्रतीक है। यह हमें सिखाती है कि कोई भी व्यक्ति परमेश्वर की दृष्टि में मूल्यवान है, और वह हर खोए हुए व्यक्ति की तलाश में रहता है। यह दृष्टांत हमें यह विश्वास दिलाती है कि हम कितने भी दूर क्यों न चले जाएँ, परमेश्वर हमेशा हमें वापस अपने पास लाने का प्रयास करते हैं और हमारी वापसी पर अत्यधिक आनंदित होते हैं। यह कहानी हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है, जिससे हम ईश्वर के असीम प्रेम और करुणा को समझ सकते हैं और अपने जीवन में उसे महसूस कर सकते हैं।


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