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मनुष्य की कोई आवश्यकता इतनी बड़ी नहीं है जिसको परमेश्वर पूरी न कर सके मर. 2:11 | God Can Meet All Our Needs

परमेश्वर हमारी हर आवश्यकता पूरी कर सकता है

बाइबल हमें बताती है कि परमेश्वर हमारी हर आवश्यकता को पूरा करने की शक्ति रखता है। चाहे वह भोजन, पानी, चंगाई, साहस, सहानुभूति, क्षमा या छुटकारा हो, परमेश्वर हमेशा हमारे साथ है और हमारी मदद करने के लिए तैयार है। आइए कुछ बाइबल के उदाहरणों के माध्यम से समझते हैं कि कैसे परमेश्वर ने विभिन्न समयों पर लोगों की आवश्यकताएं पूरी कीं।


मनुष्य की कोई आवश्यकता इतनी बड़ी नहीं है जिसको परमेश्वर पूरी न कर सके मर. 2:11 | God Can Meet All Our Needs

1. भोजन

परमेश्वर ने एलियाह नबी के लिए कौवों के माध्यम से भोजन भेजा और जब यीशु ने पांच हजार लोगों को केवल कुछ रोटियों और मछलियों से खिलाया, तब यह स्पष्ट हो गया कि परमेश्वर हमारी हर भोजन की आवश्यकता को पूरा कर सकता है। 


2. पानी

हाजिरा और उसका पुत्र जब रेगिस्तान में प्यास से मर रहे थे, तब परमेश्वर ने उन्हें एक कुआं दिखाया और उनकी प्यास बुझाई। इसी तरह, परमेश्वर ने इस्राएलियों को चट्टान से पानी प्रदान किया जब वे रेगिस्तान में थे। यह दिखाता है कि परमेश्वर हमारे जीवन के प्यास और जरूरतों को पूरा करने की क्षमता रखता है।


3. चंगाई

एक आदमी जो 38 वर्षों से बीमार था, यीशु ने उसे चंगा किया और कहा, "उठ, अपनी खाट उठा और चल फिर।" यह हमें याद दिलाता है कि परमेश्वर किसी भी बीमारी या कष्ट से हमें चंगा कर सकता है।


4. साहस

जब इम्माउस के रास्ते पर दो जन दुखी और डरे हुए थे, यीशु ने उन्हें साहस और शांति दी। इसी तरह, जब चेले एक बंद कमरे में डर के मारे छिपे हुए थे, तब यीशु ने आकर उन्हें शांति दी। यह हमें दिखाता है कि परमेश्वर हमारी डर और चिंता को दूर कर सकता है और हमें साहस और शांति प्रदान कर सकता है।


5. सहानुभूति

जब नाईन की विधवा अपने बेटे की मृत्यु पर रो रही थी, यीशु ने उसे सांत्वना दी और कहा, "मत रो।" यीशु ने उसके बेटे को पुनर्जीवित किया और उसे अपनी माँ को सौंप दिया। यह हमें दिखाता है कि परमेश्वर हमारे दुख और दर्द को समझता है और हमें सहानुभूति प्रदान करता है।


6. क्षमा

जब एक स्त्री को पाप में पकड़ा गया, तब यीशु ने उसे क्षमा किया और कहा, "मैं भी तुझे दोषी नहीं ठहराता।" इसी प्रकार, यीशु ने एक आदमी से कहा, "हे पुत्र, तेरे पाप क्षमा हुए।" यह हमें दिखाता है कि परमेश्वर हमारे पापों को क्षमा कर सकता है और हमें नई शुरुआत दे सकता है।


7. छुटकारा

एक भूतग्रस्त आदमी को यीशु ने भूतों से मुक्त किया और उसे स्वतंत्रता दी। यीशु ने कहा, "यदि पुत्र तुम्हें स्वतंत्र करेगा तो सचमुच तुम स्वतंत्र हो जाओगे।" यह हमें याद दिलाता है कि परमेश्वर हमें किसी भी बंधन या कठिनाई से छुटकारा दिला सकता है।


निष्कर्ष

इन बाइबल के उदाहरणों से स्पष्ट होता है कि हमारी कोई भी आवश्यकता इतनी बड़ी नहीं है जिसे परमेश्वर पूरा न कर सके। हमें विश्वास रखना चाहिए कि परमेश्वर हमारी हर जरूरत को जानता है और वह हमेशा हमारी मदद के लिए तैयार रहता है। जब हम अपनी समस्याओं और आवश्यकताओं को परमेश्वर के सामने रखते हैं, तो वह हमें आश्चर्यजनक तरीके से मदद करता है और हमें हमारी हर चिंता और समस्या से मुक्ति दिलाता है।


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