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क्या कोई ऐसी प्रतिज्ञा है जिसे परमेश्वर पूरा नहीं करता है | Is there any promise that God does not fulfill?


परमेश्वर की प्रतिज्ञाएं: सदैव पूरी होती हैं


बाइबल हमें बार-बार यह आश्वासन देती है कि परमेश्वर की प्रतिज्ञाएं सदैव पूरी होती हैं। चाहे वह समय की सीमाओं को पार करती हो, या परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों, परमेश्वर ने जो वादा किया है, वह उसे पूरा करता है। आइए, हम कुछ महत्वपूर्ण बाइबल वचनों और घटनाओं के माध्यम से इस सत्य को समझें।

क्या कोई ऐसी प्रतिज्ञा है जिसे परमेश्वर पूरा नहीं करता है | Is there any promise that God does not fulfill?

1. इसहाक का जन्म - उत्पत्ति 21:1-3


परमेश्वर ने अब्राहम से वादा किया था कि उसकी पत्नी सारा एक पुत्र को जन्म देगी, भले ही वह वृद्धावस्था में थीं। उत्पत्ति 21:1-3 में लिखा है कि सारा ने एक पुत्र को जन्म दिया और उसका नाम इसहाक रखा। यह घटना हमें सिखाती है कि परमेश्वर के वादे समय के साथ भी अडिग रहते हैं और वह अपनी प्रतिज्ञाओं को पूरा करने में कभी विफल नहीं होता।


2. सदोम का विनाश - उत्पत्ति 19:23-25


परमेश्वर ने सदोम और अमोरा के विनाश की भविष्यवाणी की थी। जब इन नगरों में पाप का स्तर बहुत बढ़ गया, तो परमेश्वर ने अपने वादे के अनुसार उन्हें नष्ट कर दिया। उत्पत्ति 19:23-25 में हम देखते हैं कि परमेश्वर ने सदोम और अमोरा पर गंधक और आग की बारिश कर उन्हें नष्ट कर दिया। यह घटना यह सिखाती है कि परमेश्वर अपने न्यायपूर्ण वादों को भी पूरी निष्ठा से पूरा करता है।


 3. इस्राएलियों का मिस्र से छुड़ाना - निर्ग. 3:7; 12:40-41


परमेश्वर ने मूसा के माध्यम से इस्राएलियों को मिस्र की गुलामी से छुड़ाने का वादा किया था। निर्गमन 3:7 में परमेश्वर कहता है, "मैंने मिस्र में रहने वाले अपने लोगों की दु:खभरी हालत देखी है।" और निर्गमन 12:40-41 में हम पढ़ते हैं कि 430 साल बाद परमेश्वर ने अपने वादे के अनुसार इस्राएलियों को मिस्र से बाहर निकाला। यह घटना यह दर्शाती है कि परमेश्वर कभी अपनी प्रतिज्ञा को भूलता नहीं और सही समय पर उसे पूरा करता है।


 4. एलियाह के भोजन का प्रबन्ध - 1 राजा 17:4,6


परमेश्वर ने अपने नबी एलियाह को संकट के समय में भोजन का प्रबन्ध करने का वादा किया था। 1 राजा 17:4,6 में हम पढ़ते हैं कि कैसे कौवों ने एलियाह के लिए रोटी और मांस लाया। यह घटना हमें सिखाती है कि जब हम परमेश्वर पर भरोसा रखते हैं, तो वह हमारी हर जरूरत को पूरा करता है।


 5. यीशु का कुंवारी से जन्म - यशायाह 7:14; मत्ती 1:21


यशायाह 7:14 में परमेश्वर ने भविष्यवाणी की थी कि एक कुंवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र को जन्म देगी, जिसका नाम इम्मानुएल होगा। यह भविष्यवाणी मत्ती 1:21 में पूरी होती है जब मरियम ने यीशु को जन्म दिया। यह घटना यह दर्शाती है कि परमेश्वर की भविष्यवाणियां अचूक हैं और वह अपनी प्रतिज्ञाओं को निश्चित रूप से पूरा करता है।


 6. विश्राम - मत्ती 11:28


यीशु ने कहा, "हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा।" यह प्रतिज्ञा हमें यह विश्वास दिलाती है कि जब हम अपनी चिंताओं और परेशानियों को यीशु के पास ले जाते हैं, तो वह हमें शांति और विश्राम प्रदान करता है।


 7. सदा साथ रहना - मत्ती 28:20; इब्रा. 13:5


मत्ती 28:20 में यीशु ने अपने शिष्यों से वादा किया, "और देखो, मैं संसार के अंत तक हमेशा तुम्हारे साथ हूँ।" इब्रानियों 13:5 में लिखा है, "वह स्वयं ने कहा है, मैं तुझे कभी नहीं छोड़ूंगा और न तुझ से कभी त्यागूंगा।" यह वादे हमें यह आश्वासन देते हैं कि हम कभी भी अकेले नहीं हैं, क्योंकि परमेश्वर हमेशा हमारे साथ है।


 निष्कर्ष


इन घटनाओं और वचनों से यह स्पष्ट होता है कि परमेश्वर की हर प्रतिज्ञा अडिग है और वह उसे निश्चित रूप से पूरा करता है। चाहे वह समय, स्थान, या परिस्थितियाँ कैसी भी हों, परमेश्वर अपनी प्रतिज्ञाओं को पूरा करने में सक्षम है। हमें बस उस पर विश्वास रखना चाहिए और धैर्य के साथ उसकी राहों पर चलना चाहिए। परमेश्वर के वचनों पर आधारित हमारा विश्वास ही हमें हर परिस्थिति में स्थिर और निडर बनाता है।


मनुष्य की कोई समस्या इतनी बड़ी नहीं है जिसको परमेश्वर हल न कर सके

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