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किस किस प्रकार के लोग यीशु के पास आते थे ?

यीशु मसीह ने अपने समय में कई प्रकार के लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया। वे सभी लोग, चाहे वे किसी भी स्थिति में हों, यीशु के पास आते थे। आइए, बाइबल के विभिन्न वचनों के माध्यम से जानें कि कौन-कौन लोग यीशु के पास आए और यीशु ने उनके जीवन को कैसे बदला।

किस किस प्रकार के लोग यीशु के पास आते थे ?

1. छोटे बालक (मरकुस 10)


मरकुस 10:13-16 में हम देखते हैं कि छोटे बालक भी यीशु के पास आते थे। लोग अपने बच्चों को यीशु के पास लाते थे ताकि वह उन्हें आशीर्वाद दें। यीशु ने बच्चों को अपने पास बुलाया और कहा, "बालकों को मेरे पास आने दो, उन्हें मना न करो, क्योंकि परमेश्वर का राज्य ऐसे ही लोगों का है।" यह दिखाता है कि यीशु सभी उम्र के लोगों को स्वीकार करते थे और बच्चों के प्रति विशेष प्रेम और ध्यान रखते थे।


2. धनी (लूका 18)


लूका 18:18-27 में एक धनी युवक यीशु के पास आता है और उससे पूछता है कि उसे अनंत जीवन पाने के लिए क्या करना चाहिए। यीशु उसे सलाह देते हैं कि वह अपनी सारी संपत्ति बेचकर गरीबों को दे और फिर उनके पीछे चले। यह दिखाता है कि धनी लोग भी यीशु की शिक्षा और मार्गदर्शन के लिए उसके पास आते थे, लेकिन उन्होंने उन्हें सिखाया कि सच्ची समृद्धि आध्यात्मिक होती है, न कि भौतिक।


3. पापी (लूका 7)


लूका 7:36-50 में एक पापी महिला यीशु के पास आती है और अपने आँसुओं से उसके पैरों को धोती है और महंगे इत्र से अभिषेक करती है। यह महिला, जो समाज में एक पापी के रूप में जानी जाती थी, यीशु के पास आकर अपने पापों की माफी मांगती है। यीशु उसे माफ कर देते हैं और कहते हैं, "तेरे पाप क्षमा किए गए हैं।" यह दिखाता है कि पापी लोग भी यीशु के पास आकर अपनी मुक्ति पा सकते हैं।


4. विद्वान (यूहन्ना 3)


यूहन्ना 3:1-21 में एक प्रमुख विद्वान और फरीसी, निकोदेमुस, रात में यीशु के पास आता है। वह यीशु से जन्म और उद्धार के बारे में प्रश्न करता है। यीशु उसे सिखाते हैं कि "जो जल और आत्मा से उत्पन्न नहीं होता, वह परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता।" यह दिखाता है कि विद्वान और धार्मिक नेता भी यीशु की शिक्षा के प्रति आकर्षित होते थे और उससे ज्ञान प्राप्त करते थे।


5. बीमार व लाचार (मरकुस 2)


मरकुस 2:1-12 में हम देखते हैं कि एक लकवे से पीड़ित व्यक्ति को उसके चार मित्र यीशु के पास लाते हैं। यीशु उसकी आस्था को देखकर कहता है, "हे पुत्र, तेरे पाप क्षमा किए गए हैं।" और उसे चंगा कर देते हैं। यह दिखाता है कि बीमार और लाचार लोग भी यीशु के पास अपनी चिकित्सा और आस्था के लिए आते थे।


6. शैतान के सताए (मरकुस 5)


मरकुस 5:1-20 में एक व्यक्ति जो शैतानी आत्माओं से पीड़ित था, यीशु के पास आता है। यीशु उसे उन आत्माओं से मुक्त कर देते हैं और उसे सामान्य जीवन जीने की शक्ति देते हैं। यह दिखाता है कि शैतान के सताए हुए लोग भी यीशु के पास आकर मुक्ति पा सकते हैं।


7. दुःखी और टूटे हुए (मत्ती 9; यूहन्ना 4)


मत्ती 9:18-26 में एक अधिकारी यीशु के पास आता है और उससे अपनी मृत बेटी को जीवित करने की प्रार्थना करता है। यीशु उसकी बेटी को जीवित कर देते हैं। इसी प्रकार, यूहन्ना 4:1-26 में एक समारियाई महिला, जो दुःखी और टूटे दिल की होती है, यीशु से मिलती है और उनके माध्यम से सच्ची आत्मिकता और मुक्ति पाती है। यह दिखाता है कि दुःखी और टूटे हुए लोग भी यीशु के पास आकर सांत्वना और शांति पा सकते हैं।


निष्कर्ष


यीशु मसीह के पास सभी प्रकार के लोग आते थे - छोटे बालक, धनी, पापी, विद्वान, बीमार, शैतान के सताए हुए और दुःखी लोग। यीशु ने हर एक व्यक्ति को अपनी प्रेम और दया से स्वीकार किया और उन्हें नया जीवन और आशा दी। यह हमें सिखाता है कि कोई भी व्यक्ति, चाहे उसकी परिस्थिति कैसी भी हो, यीशु के पास आकर मुक्ति और शांति पा सकता है।

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