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संसार का कोई स्थान इतना खराब नहीं है जहाँ परमेश्वर काम न कर सके | There is no place in the world so bad that God cannot work there

"कोई स्थान इतना खराब नहीं है जहाँ परमेश्वर काम न कर सके: बाइबल की प्रेरणादायक कहानियाँ"

बाइबल में अनेक कहानियाँ और घटनाएँ हैं जो यह प्रमाणित करती हैं कि कोई भी स्थान इतना खराब नहीं है जहाँ परमेश्वर काम न कर सके। परमेश्वर की शक्ति और उसकी उपस्थिति हर जगह है, चाहे वह कितना भी पापमय या कठिन स्थान क्यों न हो। आइए इन बाइबल की कहानियों के माध्यम से इस सच्चाई को समझें।


संसार का कोई स्थान इतना खराब नहीं है जहाँ परमेश्वर काम न कर सके | There is no place in the world so bad that God cannot work there

1. नीनवे नगर - योना

नीनवे नगर पाप में डूबा हुआ था और परमेश्वर के दण्ड के अधीन था। परमेश्वर ने योना को नीनवे भेजा ताकि वह वहाँ के लोगों को उनके पापों के बारे में बताए और उन्हें पश्चाताप करने का अवसर दे। प्रारंभ में योना ने इस काम से भागने की कोशिश की, लेकिन अंततः उसने परमेश्वर की आज्ञा मानी। नीनवे के लोगों ने योना की बात सुनी, पश्चाताप किया, और परमेश्वर ने उनके पापों को क्षमा कर दिया। (योना 3:1-10)


2. रेगिस्तान - प्रेरितों के काम

रेगिस्तान एक सूना, एकांत और सुनसान स्थान हो सकता है, लेकिन यहाँ भी परमेश्वर का काम हो सकता है। एक खोजा, जिसने यरूशलेम में आराधना की थी, रेगिस्तान से गुजर रहा था। फिलिप को परमेश्वर ने उसके पास भेजा, और उसने खोजा को सुसमाचार सुनाया। परिणामस्वरूप, वह खोजा विश्वास कर बपतिस्मा लिया। (प्रेरितों के काम 8:26-39)


3. पेड़ पर - जक्कई

जक्कई, जो एक महसूल लेने वाला था, समाज द्वारा तिरस्कृत व्यक्ति था। जब यीशु यरीहो में आया, तो जक्कई उसे देखने के लिए एक पेड़ पर चढ़ गया। यीशु ने उसे देखा और कहा कि वह उसके घर आएगा। इस घटना से जक्कई का जीवन बदल गया और उसने अपने पापों का पश्चाताप किया। (लूका 19:1-10)


4. महसूल की चौकी पर - मत्ती

मत्ती, जो एक महसूल लेने वाला था, को भी समाज में अच्छी नजरों से नहीं देखा जाता था। यीशु ने उससे कहा, "मेरे पीछे हो ले," और मत्ती ने तुरंत अपनी चौकी छोड़ दी और यीशु का अनुसरण किया। इस प्रकार, परमेश्वर ने मत्ती के जीवन में भी अपना काम किया। (मत्ती 9:9)


 5. कुएं पर - सामरी स्त्री

एक सामरी स्त्री, जो अपने जीवन के कारण तिरस्कृत थी, कुएं पर पानी भरने आई थी। वहाँ पर यीशु ने उससे बातचीत की और उसे जीवन का जल प्रदान किया। इस घटना के बाद वह स्त्री अपने पूरे नगर में जाकर यीशु के बारे में बताने लगी, और कई लोग विश्वास में आ गए। (यूहन्ना 4:1-42)

 
6. नदी के किनारे - लुदिया

प्रेरित पौलुस और सिलास जब फिलिप्पी नगर में थे, तो वे एक नदी के किनारे आराधना के लिए गए। वहाँ उन्होंने लुदिया नामक स्त्री से मुलाकात की, जो एक कपड़े की व्यापारी थी। परमेश्वर ने लुदिया का हृदय खोला, और वह विश्वास कर बपतिस्मा लिया। (प्रेरितों के काम 16:13-15)


7. जेल में - फिलिप्पी नगर का दरोगा

पौलुस और सिलास को जब जेल में डाला गया, तब भी परमेश्वर का काम वहाँ जारी रहा। एक भूकंप के माध्यम से जेल के द्वार खुल गए, लेकिन पौलुस और सिलास ने भागने की बजाय वहाँ के दरोगा को सुसमाचार सुनाया। परिणामस्वरूप, दरोगा और उसके परिवार ने विश्वास कर बपतिस्मा लिया। (प्रेरितों के काम 16:25-34)


निष्कर्ष

इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि संसार का कोई स्थान इतना खराब नहीं है जहाँ परमेश्वर काम न कर सके। चाहे वह नीनवे जैसा पापमय नगर हो, रेगिस्तान की सुनसान जगह हो, या जेल का कठोर स्थान हो, परमेश्वर हर जगह अपनी उपस्थिति और शक्ति को प्रकट कर सकता है। हमें इस सच्चाई को अपने जीवन में अपनाना चाहिए और यह विश्वास रखना चाहिए कि परमेश्वर हर परिस्थिति में हमारे साथ है और वह हमारे जीवन में अद्भुत कार्य कर सकता है।


क्या कोई ऐसी प्रतिज्ञा है जिसे परमेश्वर पूरा नहीं करता है


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