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विश्वास (Faith)

विश्वास (Faith)

विश्वास की परिभाषा 

बाइबल के अनुसार, विश्वास उस भरोसे को कहते हैं, जो हम परमेश्वर पर रखते हैं, चाहे हमें वह दिखाई न दे। इब्रानियों 11:1 में लिखा है, "विश्वास आशा की हुई वस्तुओं का निश्चय, और अनदेखी वस्तुओं का प्रमाण है।" इसका अर्थ है कि जब हम परमेश्वर की योजनाओं और वादों पर पूरी तरह से भरोसा करते हैं, तब यह हमारा विश्वास कहलाता है। परमेश्वर में विश्वास हमें जीवन की चुनौतियों का सामना करने की शक्ति देता है।


परीक्षाओं में विश्वास कैसे बनाए रखें

जीवन में कठिनाइयाँ और परीक्षाएँ आना स्वाभाविक है, लेकिन उन परिस्थितियों में भी विश्वास बनाए रखना महत्वपूर्ण है। याकूब 1:2-3 कहता है, "जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो, तो इसे पूरे आनन्द की बात समझो, यह जानते हुए कि तुम्हारे विश्वास का परखा जाना धीरज उत्पन्न करता है।" इसका अर्थ है कि जब भी हम मुश्किल समय का सामना करते हैं, हमें यह समझना चाहिए कि परमेश्वर हमारे विश्वास की परीक्षा लेकर हमें मजबूत बना रहा है। 


परीक्षा के समय, प्रार्थना और बाइबल पढ़ने से हमारा विश्वास मजबूत होता है। यीशु ने खुद भी हमें सिखाया कि हम परमेश्वर पर भरोसा रखें, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों। 


बाइबल के पात्रों का विश्वास

बाइबल में कई ऐसे पात्र हैं जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में परमेश्वर पर पूरा विश्वास रखा और विजयी हुए:


1. अब्राहम : अब्राहम ने परमेश्वर पर इतना विश्वास किया कि उसने अपने इकलौते बेटे इसहाक को भी बलिदान करने के लिए तैयार हो गया। (उत्पत्ति 22) परमेश्वर ने उसके विश्वास को देखकर उसे आशीर्वाद दिया।

  

2. यूसुफ : यूसुफ को उसके भाईयों ने बेच दिया, उसे कैद में डाला गया, लेकिन उसने हर परिस्थिति में परमेश्वर पर विश्वास बनाए रखा। परिणामस्वरूप, परमेश्वर ने उसे मिस्र का प्रधान बना दिया। (उत्पत्ति 37-50)


3. दाऊद : दाऊद ने गलीयत जैसे बड़े योद्धा का सामना किया क्योंकि उसका विश्वास परमेश्वर में था। उसने अपने विश्वास के द्वारा असंभव को संभव कर दिखाया। (1 शमूएल 17)


इन पात्रों से हमें सिखने को मिलता है कि जब हम विश्वास के साथ परमेश्वर पर भरोसा रखते हैं, तो वह हमें कभी निराश नहीं करता। 


निष्कर्ष

विश्वास हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। चाहे कैसी भी परिस्थिति हो, यदि हम परमेश्वर में विश्वास बनाए रखते हैं, तो वह हमें हर कठिनाई से पार ले जाएगा। परीक्षाओं में हमारा विश्वास परखा जाता है, लेकिन इन परीक्षाओं से हम और अधिक मजबूत होते हैं। बाइबल के पात्रों की कहानियाँ हमें सिखाती हैं कि सच्चा विश्वास परमेश्वर के वादों और उसकी योजनाओं पर अडिग विश्वास करना है।


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