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न्याय | Bible Scripture On Justice

 

न्याय का अर्थ केवल सही और गलत का फैसला करना नहीं है, बल्कि यह जीवन के हर पहलू में सच्चाई और ईमानदारी से रहना है। बाइबल में न्याय का महत्व बहुत अधिक है क्योंकि यह परमेश्वर के चरित्र का हिस्सा है। न्याय और दया परमेश्वर के नियमों का आधार हैं। यह लेख न्याय को समझने, ईश्वर के न्याय और दया के बीच संतुलन, और न्याय के लिए संघर्ष के बारे में बताएगा।

  

न्याय | Bible Scripture On Justice


1. बाइबल में न्याय की परिभाषा

बाइबल में न्याय का अर्थ है सही कार्य करना और परमेश्वर की इच्छाओं के अनुसार जीवन जीना। यह केवल समाज में न्याय स्थापित करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें गरीबों, अनाथों, और पीड़ितों की सहायता करना भी शामिल है।  


मीका 6:8 में लिखा है:  

"हे मनुष्य, तुझे बता दिया गया है कि क्या अच्छा है। और यहोवा तुझ से क्या चाहता है, केवल यह कि तू न्याय करे, और दया से प्रीति रखे, और अपने परमेश्वर के साथ नम्रता से चले।"


यह पद हमें दिखाता है कि न्याय, दया और नम्रता का जीवन जीना ही परमेश्वर की इच्छा है। बाइबल के अनुसार, न्याय का अर्थ है दूसरों के साथ वही व्यवहार करना, जो हम अपने लिए चाहते हैं।  


2. ईश्वर का न्याय और दया

परमेश्वर न्यायप्रिय हैं, लेकिन वे दयालु भी हैं। उनका न्याय सच्चाई और उनके वचनों पर आधारित है। बाइबल में भजन संहिता 89:14 कहता है:  


"धर्म और न्याय तेरे सिंहासन के आधार हैं; करुणा और सच्चाई तेरे आगे आगे चलती हैं।" 


यह पद हमें बताता है कि परमेश्वर का न्याय उनके धर्म के साथ चलता है। वे केवल दोष देने वाले न्यायाधीश नहीं हैं, बल्कि एक दयालु पिता हैं जो हमें सही मार्ग दिखाते हैं।  


जब हम गलती करते हैं, तो ईश्वर का न्याय हमें सिखाता है कि हमें अपने पापों के लिए जिम्मेदारी लेनी चाहिए। साथ ही, उनकी दया हमें सिखाती है कि वे हमें माफ कर सकते हैं और सही रास्ते पर चलने में मदद करते हैं।  


यूहन्ना 3:16 में लिखा है:  

"परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।" 


यह दिखाता है कि परमेश्वर का न्याय और दया साथ-साथ चलते हैं।  


3. न्याय के लिए संघर्ष 

न्याय के लिए संघर्ष करना एक ईसाई जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। बाइबल हमें सिखाती है कि हमें कमजोर और पीड़ित लोगों के लिए खड़ा होना चाहिए। न्याय के लिए संघर्ष करना मतलब है कि हम सच्चाई के लिए जीएं और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएं।  


नीतिवचन 31:8-9 में लिखा है:  

"मूकों के पक्ष में अपना मुंह खोल, सब बेसहारा लोगों का न्याय कर। अपना मुंह खोल, न्याय से न्याय कर, और दीन-हीन का न्याय चुकता कर।" 


इस पद से हम समझते हैं कि न्याय केवल हमारा व्यक्तिगत धर्म नहीं है, बल्कि यह समाज में अन्याय के खिलाफ संघर्ष करने का भी नाम है।  


आज के समय में न्याय के लिए संघर्ष करना कठिन हो सकता है। लेकिन हमें विश्वास रखना चाहिए कि परमेश्वर हमारी सहायता करेंगे। बाइबल में  रोमियों 12:19 कहता है:  


"हे प्रियों, अपना पलटा न लेना, परन्तु क्रोध को स्थान दो, क्योंकि लिखा है, 'प्रतिशोध मेरा काम है; मैं ही बदला दूंगा,' यहोवा कहता है।"  


यह पद हमें यह सिखाता है कि हमें अन्याय का जवाब हिंसा या घृणा से नहीं देना चाहिए, बल्कि परमेश्वर पर भरोसा रखना चाहिए।  


निष्कर्ष 

न्याय बाइबल का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हमें सही और ईमानदारी का मार्ग दिखाता है। ईश्वर का न्याय और दया हमें संतुलित जीवन जीने की शिक्षा देते हैं। न्याय के लिए संघर्ष करना कठिन हो सकता है, लेकिन यह हमें परमेश्वर के और करीब ले जाता है।  


जब हम न्याय की परिभाषा, ईश्वर के न्याय और दया, और न्याय के लिए संघर्ष को समझते हैं, तो हम अपने जीवन में सच्चाई और धर्म को स्थान देते हैं। आइए, हम सब न्याय के रास्ते पर चलें और अपने जीवन में परमेश्वर की महिमा करें।  


पदों पर आधारित एक संदेश:

"परमेश्वर का न्याय हमारे लिए मार्गदर्शक है, उनकी दया हमें उठने का अवसर देती है, और उनकी शक्ति हमें न्याय के लिए खड़े रहने का साहस देती है।"

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