परमेश्वर की उपस्थिति संकट, अकेलेपन, बोझ, यात्रा, बीमारी, हार और वचन की सेवा के समय
हमारे जीवन में कई ऐसे क्षण आते हैं जब हमें लगता है कि हम अकेले हैं, बोझ से दबे हुए हैं, या किसी कठिन परिस्थिति में हैं। लेकिन बाइबल हमें यह आश्वासन देती है कि जब हम सच्चे मन से परमेश्वर को ढूंढेंगे, तो वह हमें मिलेगा। यीशु ने यूहन्ना 13:33 में कहा, "तुम मुझे ढूंढोगे..." यह वचन हमें बताता है कि हमें हर परिस्थिति में प्रभु को खोजना चाहिए, क्योंकि वह हमेशा हमारे पास होता है और हमें शांति, आशा और मार्गदर्शन देता है।
आइए देखें कि हम अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं में परमेश्वर को कैसे खोज सकते हैं और कैसे वह हमें सहारा देता है।
1. संकट के समय परमेश्वर को खोजना
जब जीवन कठिनाइयों से भरा होता है, तब हम अक्सर निराश हो जाते हैं। हमें लगता है कि कोई हमारा साथ नहीं दे रहा, लेकिन बाइबल हमें बताती है कि प्रभु हमेशा हमारे साथ हैं।
बाइबल कहती है:
- "संकट के दिन मुझे पुकार; मैं तुझे छुड़ाऊँगा, और तू मेरी महिमा करेगा।" (भजन संहिता 50:15)
संकट के समय हमें अपने बल पर नहीं बल्कि परमेश्वर पर भरोसा करना चाहिए। जब हम उसे पुकारते हैं, तो वह हमारी सहायता के लिए आता है।
2. अकेलेपन में परमेश्वर को ढूंढना
कभी-कभी हमें ऐसा लगता है कि हम पूरी दुनिया में अकेले हैं, लेकिन यह सिर्फ एक अहसास है। सच्चाई यह है कि परमेश्वर हमें कभी नहीं छोड़ता।
बाइबल कहती है:
- "मैं तुझे कभी न छोडूँगा और न कभी त्यागूँगा।" (इब्रानियों 13:5)
जब हम अकेले होते हैं, तब हमें और अधिक प्रार्थना करनी चाहिए और परमेश्वर के वचन को पढ़ना चाहिए। इससे हमारा आत्मिक संबंध मजबूत होगा और हमें यह एहसास होगा कि प्रभु हमेशा हमारे साथ हैं।
3. बोझ से परेशान होने पर परमेश्वर को खोजना
कई बार हमारे जीवन में समस्याएं इतनी बढ़ जाती हैं कि हमें लगता है कि अब हम और सहन नहीं कर सकते। लेकिन यीशु ने हमें बुलाया है कि हम अपना सारा बोझ उसे दे दें।
बाइबल कहती है:
- "हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूँगा।" (मत्ती 11:28)
जब हम अपने संघर्षों को प्रभु को सौंप देते हैं, तो वह हमें शांति और समाधान देता है।
4. यात्रा के समय परमेश्वर को खोजना
जब हम जीवन के सफर पर होते हैं, तो हमें कई अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि परमेश्वर हमारी रक्षा करता है।
बाइबल कहती है:
- "यहोवा तेरा निकलना और तेरा आना दोनों समय से अब और सदा तक सुरक्षित रखेगा।" (भजन संहिता 121:8)
किसी भी यात्रा पर निकलने से पहले प्रार्थना करें और प्रभु से मार्गदर्शन मांगें। वह हमारे हर कदम पर हमारी सुरक्षा करेगा।
5. बीमारी के समय परमेश्वर को ढूंढना
शारीरिक और मानसिक बीमारी हमारे जीवन की कठिन सच्चाई है। लेकिन बाइबल हमें सिखाती है कि परमेश्वर हमारा चंगा करने वाला है।
बाइबल कहती है:
- "वह अपने वचन के द्वारा उन को चंगा करता, और जिस गड़हे में वे पड़े हैं, उससे निकालता है।" (भजन संहिता 107:20)
जब हम बीमार होते हैं, तो हमें विश्वास के साथ प्रार्थना करनी चाहिए और प्रभु से चंगाई मांगनी चाहिए। वह हमारी प्रार्थना को सुनता है और हमें आशा देता है।
6. हार के समय परमेश्वर को खोजना
जब हम असफल होते हैं, तब हमें लगता है कि अब सब कुछ खत्म हो गया है। लेकिन प्रभु हमें सिखाते हैं कि हार अस्थायी होती है और वह हमें नई शुरुआत करने की शक्ति देता है।
बाइबल कहती है:
- "धर्मी सात बार गिरता है, तौभी उठ खड़ा होता है।" (नीतिवचन 24:16)
हमें अपनी असफलताओं से सीखना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए। जब हम परमेश्वर पर भरोसा करते हैं, तो वह हमें नए अवसर प्रदान करता है।
7. वचन की सेवा के समय परमेश्वर को खोजना
जब हम प्रभु की सेवा में होते हैं, तो कई बार हमें चुनौतियों और विरोधों का सामना करना पड़ता है। लेकिन हमें कभी हतोत्साहित नहीं होना चाहिए, क्योंकि प्रभु हमें शक्ति और सामर्थ्य देते हैं।
बाइबल कहती है:
- "मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है, क्योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है।" (2 कुरिन्थियों 12:9)
जब हम परमेश्वर के वचन को दूसरों तक पहुंचाने का कार्य करते हैं, तो हमें उसकी मदद मांगनी चाहिए। वह हमें ज्ञान और सामर्थ्य प्रदान करेगा ताकि हम उसकी महिमा के लिए कार्य कर सकें।
निष्कर्ष: हर परिस्थिति में परमेश्वर को ढूंढें
यीशु मसीह ने हमें यह वचन दिया कि जब हम उसे सच्चे मन से खोजेंगे, तो वह हमें मिलेगा। हमें जीवन की हर परिस्थिति में – संकट, अकेलापन, बोझ, यात्रा, बीमारी, हार और सेवा – में परमेश्वर पर भरोसा रखना चाहिए।
क्या करें?
- 1. हर परिस्थिति में प्रार्थना करें।
- 2. बाइबल पढ़ें और परमेश्वर के वचनों को अपने जीवन में लागू करें।
- 3. विश्वास रखें कि परमेश्वर हर समय हमारे साथ है।
- 4. उसके प्रेम और अनुग्रह में बने रहें।
जब हम प्रभु को सच्चे मन से खोजेंगे, तो वह हमें मार्गदर्शन देगा, शांति प्रदान करेगा और हमें जीवन की हर परिस्थिति में संभालेगा।
"तुम मुझे ढूंढोगे और यदि अपने संपूर्ण मन से मुझे खोजोगे तो मुझे पाओगे।" (यिर्मयाह 29:13)
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