परिचय
मसीही जीवन केवल नाममात्र का नहीं होता, बल्कि यह एक आंतरिक परिवर्तन और परमेश्वर की आज्ञाओं के प्रति पूर्ण समर्पण का जीवन होता है। बाइबल हमें एक सच्चे मसीही के कुछ महत्वपूर्ण गुणों के बारे में सिखाती है, जो हमें परमेश्वर के करीब ले जाते हैं और हमें संसार से अलग बनाते हैं। इस लेख में, हम इन गुणों को विस्तार से समझेंगे और जानेंगे कि एक सच्चे मसीही की पहचान क्या होती है।
1. वह विश्वास करता है कि यीशु ही मसीह है – 1 यूहन्ना 5:1
एक सच्चा मसीही वह है जो विश्वास करता है कि यीशु ही मसीह (अभिषिक्त उद्धारकर्ता) है। यह विश्वास केवल एक बौद्धिक स्वीकृति नहीं है, बल्कि हृदय से स्वीकार करना है कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है और वह ही संसार का उद्धारकर्ता है। जब कोई यीशु पर विश्वास करता है, तो वह नया जन्म पाता है और परमेश्वर का संतान बन जाता है।
"जो कोई यह विश्वास करता है कि यीशु ही मसीह है, वह परमेश्वर से जन्मा है।" – 1 यूहन्ना 5:1
2. वह धर्म के काम करता है – 1 यूहन्ना 2:29
एक सच्चे मसीही का जीवन धर्म के कार्यों से भरा होता है। वह केवल बातें नहीं करता, बल्कि अपने कर्मों से यह प्रमाणित करता है कि वह परमेश्वर का सच्चा अनुयायी है। धर्म का अर्थ है वह जीवन जीना जो परमेश्वर की इच्छा के अनुसार हो।
"यदि तुम जानते हो कि वह धर्मी है, तो यह भी जानते हो कि जो कोई धर्म के काम करता है, वह उससे जन्मा है।" – 1 यूहन्ना 2:29
सच्चा मसीही दूसरों की सेवा करता है, दीन-दुखियों की सहायता करता है और हर कार्य में ईमानदारी व धार्मिकता को अपनाता है।
3. वह परमेश्वर की आज्ञाओं को मानता है – 1 यूहन्ना 2:3
एक सच्चे मसीही की पहचान यह है कि वह परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करता है। यीशु ने कहा कि यदि हम उससे प्रेम करते हैं, तो हम उसकी आज्ञाओं को मानेंगे (यूहन्ना 14:15)।
"यदि हम उसकी आज्ञाओं को मानते हैं, तो इससे हम जान जाते हैं कि हम उसे जानते हैं।" – 1 यूहन्ना 2:3
आज्ञा पालन केवल बाहरी कार्यों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे हृदय के स्वभाव का भी हिस्सा होना चाहिए। एक सच्चा मसीही परमेश्वर की इच्छा को समझने और उसे अपने जीवन में लागू करने का प्रयास करता है।
4. वह पाप नहीं करता है – 1 यूहन्ना 3:9
बाइबल कहती है कि जो परमेश्वर से जन्मा है, वह पाप नहीं करता, अर्थात् वह जानबूझकर और निरंतर पाप में नहीं चलता। इसका अर्थ यह नहीं है कि एक मसीही कभी गलती नहीं करता, बल्कि यह कि वह पाप में रहना पसंद नहीं करता और हमेशा पश्चाताप करता है।
"जो कोई परमेश्वर से जन्मा है, वह पाप नहीं करता; क्योंकि उसका बीज उसमें बना रहता है, और वह पाप कर ही नहीं सकता, क्योंकि वह परमेश्वर से जन्मा है।" – 1 यूहन्ना 3:9
सच्चा मसीही पाप से बचता है, अपने मन को शुद्ध रखता है और आत्मिक उन्नति के लिए प्रयासरत रहता है।
5. उससे संसार घृणा करता है – 1 यूहन्ना 3:13
संसार उन लोगों को पसंद करता है जो उसकी रीति-नीति पर चलते हैं, लेकिन जो मसीह के अनुयायी होते हैं, उनसे संसार घृणा करता है। यीशु ने अपने शिष्यों से कहा था कि यदि संसार ने मुझे सताया है, तो वे तुम्हें भी सताएंगे (यूहन्ना 15:18-20)।
"हे भाइयों, यदि संसार तुम से बैर रखता है, तो अचंभा न करो।" – 1 यूहन्ना 3:13
इसलिए, जब कोई मसीही अपने विश्वास के कारण निंदा, उपहास या विरोध का सामना करता है, तो उसे हतोत्साहित नहीं होना चाहिए, बल्कि यह समझना चाहिए कि यह यीशु के अनुयायियों की पहचान है।
6. वह भाइयों से प्रेम करता है – 1 यूहन्ना 3:14, 5:2; यूहन्ना 13:34-35
एक सच्चे मसीही का सबसे महत्वपूर्ण गुण प्रेम है। यीशु ने कहा कि मसीहियों की पहचान यह होगी कि वे एक-दूसरे से प्रेम करेंगे (यूहन्ना 13:34-35)।
"हम जानते हैं कि हम मृत्यु से निकलकर जीवन में पहुंचे हैं, क्योंकि हम भाइयों से प्रेम रखते हैं।" – 1 यूहन्ना 3:14
परमेश्वर प्रेम है, और यदि कोई सच में परमेश्वर को जानता है, तो वह दूसरों से प्रेम करना सीखता है। यह प्रेम केवल शब्दों तक सीमित नहीं होता, बल्कि कर्मों के द्वारा प्रकट होता है।
7. वह संसार पर विजय पाता है – 1 यूहन्ना 5:4
एक सच्चे मसीही का विश्वास उसे संसार की बुराइयों, प्रलोभनों और कठिनाइयों पर विजय पाने में सक्षम बनाता है। वह अपने विश्वास और परमेश्वर की शक्ति के द्वारा हर परिस्थिति में विजयी रहता है।
"क्योंकि जो कुछ परमेश्वर से जन्मा है, वह संसार पर विजय पाता है; और वह विजय जिसने संसार को जीत लिया, हमारा विश्वास है।" – 1 यूहन्ना 5:4
यह विश्वास हमें हर कठिनाई में स्थिर रखता है और हमें यह भरोसा देता है कि परमेश्वर हमें कभी नहीं छोड़ेगा।
निष्कर्ष
एक सच्चे मसीही के जीवन में ये सभी गुण पाए जाते हैं। वह यीशु को अपने उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार करता है, धार्मिकता का पालन करता है, परमेश्वर की आज्ञाओं को मानता है, पाप से दूर रहता है, संसार की घृणा को सहता है, अपने भाइयों से प्रेम करता है और संसार पर विजय पाता है।
यदि आप भी एक सच्चे मसीही के रूप में जीना चाहते हैं, तो इन गुणों को अपने जीवन में अपनाएं। बाइबल कहती है कि जो परमेश्वर के साथ चलता है, वह अनंत जीवन का अधिकारी होता है। इसलिए, अपने जीवन को यीशु मसीह को समर्पित करें और उसकी शिक्षाओं के अनुसार चलें।
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