परिचय
बाइबल में लिखा है:
“वह यहां नहीं है, वह जी उठा है, जैसा उसने कहा था।” — मत्ती 28:6
यीशु मसीह का पुनरुत्थान इस बात का प्रमाण है कि मृत्यु पर उसका अधिकार है और जो कोई उस पर विश्वास करता है, उसे भी अनन्त जीवन मिलेगा।
ईस्टर क्यों मनाया जाता है? (Why is Easter Celebrated?)
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1.यीशु मसीह के पुनरुत्थान की स्मृति में:ईस्टर इस सत्य का प्रतीक है कि मृत्यु अंतिम नहीं है। यह पुनरुत्थान जीवन, आशा और परमेश्वर की शक्ति का प्रतीक है।
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2.पापों से मुक्ति का संदेश:बाइबल में लिखा है:“क्योंकि सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं।” — रोमियों 3:23“परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु यीशु मसीह में अनन्त जीवन है।” — रोमियों 6:23
यीशु ने हमारे पापों के बदले में मृत्यु को स्वीकार किया ताकि हम मुक्त हो सकें।
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3.आशा और नया जीवन:ईस्टर हमें यह विश्वास दिलाता है कि कठिनाइयों के बाद एक नई शुरुआत संभव है। जिस प्रकार यीशु मृत्यु से जीवन में आए, उसी तरह हम भी अपने जीवन में परिवर्तन और नवीकरण पा सकते हैं।
ईस्टर कैसे मनाया जाता है? (How is Easter Celebrated?)
ईसाई समुदाय इस दिन को विशेष आराधनाओं, गीतों, प्रार्थनाओं और बाइबल पाठ के माध्यम से मनाते हैं। चर्चों में विशेष सेवाएं होती हैं, और कई स्थानों पर प्रभातकालीन (sunrise) सभा का आयोजन किया जाता है।
बच्चों के लिए "ईस्टर एग हंट" का आयोजन भी होता है जिसमें बच्चे रंग-बिरंगे अंडों की खोज करते हैं, जो नए जीवन और आशा का प्रतीक होते हैं।
ईस्टर का आध्यात्मिक महत्व (Spiritual Significance of Easter)
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1.विश्वास की पुष्टि:यीशु का पुनरुत्थान इस बात की पुष्टि करता है कि वे मसीह हैं — परमेश्वर का पुत्र।
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2.जीवन पर विजय:मृत्यु पर विजय पाकर यीशु ने यह साबित किया कि उनके पास अनन्त जीवन देने की सामर्थ है।
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3.विश्वासियों के लिए प्रेरणा:यह पर्व हमें सिखाता है कि चाहे जीवन में कितनी भी समस्याएं क्यों न हों, परमेश्वर में विश्वास रखने से हम नई शुरुआत कर सकते हैं।
“यीशु ने उससे कहा, ‘मैं जीवन और पुनरुत्थान हूं; जो मुझ पर विश्वास करता है, वह यदि मर भी जाए तो भी जीएगा।’” — यूहन्ना 11:25
ईस्टर का संदेश है: आशा रखो, परमेश्वर जीवित है, और वह हमें कभी नहीं छोड़ता।
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